385 करोड़ के गणवेश, सभी का एक सा रंग
प्रदेश के 64 लाख विद्यार्थियों हेतु प्रावधान
* एक जैसे रंग पर अध्यापकों को ऐतराज
नागपुर/दि.5- शिंदे-फडणवीस सरकार ने प्रदेश के 64 लाख विद्यार्थियोंं हेतु एक जैसे रंग के शालेय गणवेश का निर्णय करने की जानकारी है. सूत्रों ने बताया कि 385 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. प्रति गणवेश 600 रुपए कीमत तय की गई है. तथापि अध्यापकों ने गणवेश का रंग एक जैसा रखे जाने पर आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि गणवेश की रंग संगती का निर्णय स्थानीय स्तर पर छोड़ा जाना चाहिए. अध्यापकों ने यह भी तर्क दिया कि कोरोना महामारी पश्चात अनेक शालाओं में गणवेश की बिल्कुल नई श्रृंखला तय की गई है. उसमें फिर से बदल करना पड़ेगा. जिसके बदले में सरकार ने तर्क दिया कि शासन पैसा खर्च कर रहा है तो रंग आदि को लेकर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. पहले का गणवेश विद्यार्थी चाहे तो रोजमर्रा में पहन सकते हैं.
उल्लेखनीय है कि शिंदे सरकार ने सरकारी शालाओं में विद्यार्थियों को गणवेश और जूते समय पर देने के बारे में उच्चस्तरीय बैठक में निर्णय किया. बैठक में चर्चा हुई कि राज्यस्तर पर एक सी ड्रेस उपलब्ध करवाने का प्रयोग पिछली बार अटक गया था. शाला प्रबंधन समिति पर यह काम दिया गया था. वह ठीक से क्रियान्वित नहीं हो पाया.
अध्यापकों ने फिर नए गणवेश पर इसलिए भी आपत्ति उठाई है कि इसका पूरा भार अध्यापक, शाला और अधिकारियों पर पड़ेगा. उन्हें विद्यार्थियों के गणवेश सिलवाने और उसे वितरित कर दैनंदिन रुप से उपयोग में लाने की जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी. ऐसे ही अध्यापकों ने कहा कि स्कूलों ने पहले का सफेद शर्ट, खाकी पैंट अथवा नीला फ्रॉक, पंजाबी ड्रेस का यूनिफार्म बदलकर रंगबिरंगी गणवेश का चयन किया है. आकर्षक रंग संगती के गणवेश अब फिर बदले जाने का वह लोग विरोध कर रहे हैं. एक अध्यापक भाऊसाहब चास्कर ने कहा कि सभी बच्चों को एक जैसी पोशाख देना है तो पालक और शिक्षकों को भरोसे में लेकर निर्णय किया जाए.
सामान्य श्रेणी को भी लाभ
शिंदे-फडणवीस सरकार ने किसी प्रकार का जातिगत भेदभाव न रखते हुए सभी समाज के लिए एक जैसा गणवेश रखने का फैसला किया है. सामान्य अर्थात ओपन केटेगिरी के विद्यार्थियों को भी गणवेश का लाभ मिलेगा. सरकार ने गणवेश सिलाने का काम बचत गट के माध्यम से करवाने कहा है.