विदर्भ

९९ वर्ष के दादाजी ने कोरोना पर जीत हासिल की

उनकी सकरात्मकता देशवासियों के लिए प्रेरणादायी

अचलपुर/प्रतिनिधि/दि.२४ -पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण फैल गया है. कोरोना से बचने के लिए विविध उपाय योजना शासन, प्रशासन व सामाजिक संगठन के स्तर पर शुरू है. दिनों दिन बढनेवाले कोरोना संक्रमण के प्रभाव के कारण लोगों में नकरात्मक विचार उत्पन्न हो रहे है. लेकिन एक कदम सकरात्मक का संदेश देनेवाले ९० वर्ष के दादाजी ने कोरोना पर विजय प्राप्त की है. वे अपना १०० वां जन्मदिन उत्साह से मनायेंगे.
कोरोना के नकरात्मक विचारों से अनेक नागरिक भयभीत होकर अपना स्वास्थ्य खराब कर रहे है. उपचार दौरान हिम्मत हारकर अपनी जान गंवा देते है. सोशल मीडिया व समाचार पत्र पर कोरोना संदर्भ में समाचार और विचार व्यक्त होते है. जिसके कारण अनेको ने अपने विचारों में नकरात्मकता निर्माण कर अपने मन में व अपने परिजनों में मन में डर पैदा कर दिया है. किंतु कहीं पर ऐसी ही घटनाए होती है. जिसके कारण सकरात्मकता निर्माण होकर कोरोना का भय दूर हो सकता है व कोरोना के साथ लडने का बल व चैतन्य प्राप्त होता है. नागपुर निवासी वसंतराव दलाल का जन्म १९२२ का है. ९९ वर्ष की उम्र में उन्हें कोरोना हो गया. उनकी ऑक्सीजन लेवल ६२ तथा सिटी स्कोअर ८/२५होने से उन्हें ९ मई २०२१ को स्वस्तीक क्रिटीकल केअर हॉस्पिटल नागपुर में उपचार के लिए भर्ती किया गया. डॉक्टर व हॉस्पिटल स्टाफ ने प्रयास करके उनपर उपचार किया. ऑक्सीजन लेवल व सिटी स्कोअर चिकित्सकीय के अनुसार खतरे की सूचना देकर भी दादाजी होश में रहकर सभी उपचार ले रहे थे. उन पर उपचार करनेवाले डॉक्टरों ने बताया. इस कोरोना की बीमारी से पूरे ठीक होकर वसंतराव दलाल अब अपने घर पूरी तरह स्वस्थ है. एक युवा को भी पीछे कर ऐसी मानसिकता वाले अपने वृध्दकाल में कोरोना जैसी महाभयंकर बीमारी को हराकर वसंतराव दलाल ने एक कदम सकरात्मकता की ओर उठाने की हिम्मत देशवासियों को दी. इसमें कोई शक नहीं. कुछ महिने बाद ही उनका १०० वां जन्मदिन है. उस निमित्त उन्हें हम शुभकामना देते है. परंतु उनकी सकरात्मकता मानसिकता किसी भी संकट का सामना कर सकती है. यह उनके द्वारा दी गई सीख सैकडों देशवासियों के लिए प्रेरणादायी रहेगी.

Related Articles

Back to top button