विदर्भ

नॅक मानांकन में 40% महाविद्यालय गांव देहात के

नागपुर/दि.7 – ग्रामीण भागों के महाविद्यालयों के दर्जे पर अनेक बार प्रश्नचिन्ह उपस्थित किये जाते हैं. लेकिन गांव व तहसील स्तर के महाविद्यालयों का दर्जा भी बढ़ते दिखाई दे रहा है. नॅक (नेशनल असेसमेन्ट एंड अ‍ॅक्रेडिटेशन कौन्सिल) के मानांकन में शहरी महाविद्यालयों को ग्रामीण भाग की शिक्षण संस्थाओं ने खासी टक्कर दी है. नॅक के विविध दर्जे वालों में से 40 प्रतिशत महाविद्यालय ग्रामीण महाराष्ट्र के है.

6 प्रतिशत महिला महाविद्यालयों का समावेश

नॅक के मानांकन वालों में महिला महाविद्यालयों की संख्या काफी कम है. कुल महाविद्यालयों में महिला महाविद्यालय 6.36 प्रतिशत थे. नागपुर में सर्वाधिक 7.73 प्रतिशत महिला महाविद्यालयों को मानांकन था तो औरंगाबाद विभाग में यही प्रमाण 4.30 प्रतिशत था.

औरंगाबाद-अमरावती में ही ग्रामीण ने मारी बाजी

विभागनिहाय तुलनात्मक आकड़ेवारीनुसार औरंगाबाद व अमरावती विभाग के नॅक के मानांकन वाले आधे से अधिक महाविद्यालय ग्रामीण भागों में है. औरंगाबाद में यह टक्केवारी 56.54 प्रतिशत तो अमरावती में 57.50 प्रतिशत है. कोकण विभाग में सबसे कम 26.14 प्रतिशत महाविद्यालय ग्रामीण भाग में है.

मुंबई की अपेक्षा पुणे में मानांकित महाविद्यालय अधिक

जिलानिहाय आकड़ेवारीनुसार कुल मानांकित महाविद्यालयों में से 17.1 प्रतिशत पुणे के थे तो 9.5 प्रतिशत मुंबई के थे. नागपुर में 8 प्रतिशत व नाशिक में 4.9 प्रतिशत थी.

नॅक के मानांकन के टॉप पांच जिले

जिला मानांकित महा. का प्रतिशत
पुणे 17.1%
मुंबई 9.5%
नागपुर 8.0%
नाशिक 4.9%
कोल्हापुर 4.1%
विभाग
अमरावती
औरंगाबाद
कोकण
नागपुर
नाशिक
पुणे
शहरी महाविद्यालय
21.67%
23.12%
62.12%
42.87%
31.66%
54.70%
ग्रामीण महाविद्यालय
57.50%
56.45%
26.14%
44.85%
47.74%
32.92%
अर्धशासकीय महा.
15.83%
18.82%
10.23%
7.72%
12.56%
11.88%

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