विदर्भ

समृद्धि पर नींद की झपकी लगने से गई 44 लोगों की जान

एडीजी रवींद्र सिंगल ने दी जानकारी

* 8 माह में तेज रफ्तार से 33 की मौत
नागपुर/दि.26– समृद्धि महामार्ग पर होने वाले हादसों को कम करने के लिए विभिन्न उपाय योजनाएं की जा रही है. साथ ही अब तक घटित हादसों की वजहों को भी खोजा जा रहा है. जिसमें पता चला है कि, विगत 8 माह के दौरान समृद्धि महामार्ग पर वाहन चलाते समय ड्राइवर को नींद की झपकी लगने की वजह से 12 सडक हादसे घटित हुए. जिसमें 44 लोगों की मौतें हुई. वहीं ओवर स्पीड वाहन चलाने की वजह से हुए 31 हादसों में 33 लोगों की जान गई. इसमें से सर्वाधिक हादसे व मौते रात 12 से तडके 3 बजे के दौरान घटित हुए. ऐसी जानकारी अतिरिक्त पुलिस महासंचालक (महामार्ग) रवींद्र सिंगल द्बारा पत्रकार परिषद में दी गई.
इस पत्रवार्ता में एडीजी रवींद्र सिंगल ने बताया कि, उन्होंने 4 माह पहले यातायात विभाग का पदभार स्वीकार करने के बाद सडक हादसों के बारे में अध्ययन किया. देश में प्रतिवर्ष सडक हादसों में औसत 1 लाख 53 हजार नागरिकों की मौतें होती है. वर्ष 2022 के दौरान अकेले महाराष्ट्र में ही 15 हजार लोगों की जाने सडक हादसों में गई है. महाराष्ट्र में नाशिक, पुणे, अहमदनगर, सोलापुर व जलगांव में घटित सडक हादसों में सर्वाधिक मौते हुई है तथा कुल 1 हजार 4 स्थानों को ‘ब्लैक स्पॉट’ के तौर पर चिन्हित किया गया है. जहां पर आवश्यक सुधार करते हुए सडक हादसों की संख्या को घटाने का काम किया जा रहा है. इसके अलावा सडक हादसों को टालने हेतु समृद्धि महामार्ग पर डिझाइनिंग, साइन बोर्ड लगाने, लाइटींग, डिवाइडर व उडानपुल तैयार करने जैसे उपायों पर अमल किया जा रहा है.
इसके साथ ही एडीजी रवींद्र सिंगल ने बताया कि, महामार्गों की तुलना में शहरी क्षेत्र में घटित होने वाले सडक हादसों और ऐसे हादसों में होने वाली मौतों का प्रमाण भी काफी अधिक है. इसमें से अधिकांश हादसे दुपहिया वाहनों से संबंधित और यह भी देखा गया है कि, हादसे का शिकार होने वाले अधिकांश दुपहिया चालकों द्बारा हेल्मेट का प्रयोग नहीं किया गया था. ऐसे में शहरी क्षेत्र में घटित होने वाले हादसों के बारे में संबंधित जिलाधीशों, पुलिस आयुक्तों, पुलिस अधीक्षकों से चर्चा करते हुए सडक हादसों को टालने का प्रयास किया जा रहा है. इसके अलावा समृद्धि महामार्ग पर हादसों को टालने हेतु सभी निजी ट्रैवल्स व लक्झरी बसों एवं उनके चालकों की पडताल की जा रही है. साथ ही मृत्युंजय योजना के अनुसार 3605 दूत नियुक्त किए गए है. इसके अलावा 24 सहायता केंद्र में से कुछ केंद्र शुरु कर दिए गए है. एवं कुछ केंद्रों का काम शुरु है. इन सभी उपायों के चलते समृद्धि महामार्ग पर पहले की तुलना में सडक हादसों का प्रमाण काफी हद तक कम हो गया है. इस पत्रकार परिषद में महामार्ग पुलिस अधीक्षक यश सोलंकी भी उपस्थित थे.

* महामार्ग सम्मोहन टालने हेतु आवश्यक उपाय
समृद्धि महामार्ग पर एक ही स्थिति में बैठे रहते हुए लंबे समय तक वाहन चलाने की वजह से वाहन चालक सम्मोहित होकर हादसे का शिकार होता है. ऐसा निष्कर्ष वीएनआईटी एवं विविध संस्थाओं द्बारा किए गए अध्ययन के जरिए निकाला गया था. जिसके चलते समृद्धि महामार्ग पर वाहन चालक सम्मोहन का शिकार न हो, इस हेतु महामार्ग पर हरियाली, साइन बोर्ड व लाइटींग जैसे विविध उपाय किए जाने की जानकारी भी एडीजी रवींद्र सिंगल द्बारा दी गई.

* समृद्धि महामार्ग पर हादसों व मौतों के आंकडे
(11 दिसंबर 2022 से 21 जुलाई 2023)
वजह हादसे मौतें
टायर फूटना 04 10
झपकी लगना 12 44
ओवर स्पीड 21 33
जानवर बीच में आना 01 01
ब्रेक डाउन 02 02
अन्य 07 11

* समृद्धि पर किस वक्त के दौरान कितने हादसे व मौतें?
वक्त हादसे मौतें
रात 12 से 3 12 44
तडके 3 से 6 06 09
सुबह 6 से 12 13 21
दोपहर 12 से 6 11 17
शाम 6 से 9 00 00
रात 9 से 12 05 10

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