नागपुर दि.27– महाराष्ट्र सहित देश भर के किसानों पर बकाया बिजली का बिल केंद्र व राज्य सरकार के लिए चिंता का विषय बना है. महाराष्ट्र का विचार किया जाये, तो बिजली ग्राहकों पर बकाया बिल 70 हजार करोड पर पहुंच चुका है. जिसमें कृषि बिलों का बकाया 45,700 करोड से भी अधिक है. बकायादार किसानों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है. वहीं दूसरी ओर महावितरण कंपनी की आर्थिक परिस्थिति और भी खस्ता हो चुकी है. ऐसी परिस्थिति में राज्यों को इस संकट से बाहर निकालने के लिए केंद्र सरकार मंथन कर रही है.
दिल्ली के पश्चात पंजाब में बिजली के दामों में कटौति की गई है. विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार केंद्र की भाजपा सरकार गुजरात विधानसभा चुनाव के पूर्व इस संदर्भ में ठोस कदम उठाने की तैयारीे में है. केंद्र सरकार अब इसमें से रास्ता निकालने की तैयारी में है. सूत्रों के अनुसार सबसे पहले किसानों को राहत दी जाएगी. सरकार के पास दो पर्याय है. पहला पर्याय ‘क्रॉस सबसीडी’ में बढोत्तरी करना किंतु ऐसा करने पर घरेलु व अन्य ग्राहकों पर बोझ बढेगा. दूसरा पर्याय कृषि पंपों को सौर उर्जा से जोडना है. मंत्रालय के विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार सौर उर्जा की वजह से किसानों को दिन में बिजली मिलेगी. वहीं उन्हें बिजली बिलों से राहत भी मिलेगी. सरकार की ओर से अपारंपारिक उर्जा स्त्रोतों को प्रोत्साहन देकर एक नई नीति की घोषणा करना संभव होगा. केंद्र सरकार देश भर के उर्जा तज्ञों से इस विषय पर जल्द ही चर्चा कर बडी घोषणा कर सकती है. ऐसा दावा सूत्रों द्बारा किया गया है.
* बकाया बिजली बिल माफ नहीं होगा
महावितरण के वरिष्ठ सूत्रों के अनुसार राज्य में 42 लाख से अधिक किसानों पर बिजली का बिल बकाया है. जिसमें 45 हजार करोड रुपए से अधिक राशि उन पर बाकी है. ब्याज माफ करने के पश्चात भी बहुतसे किसान बकाया बिल भरने को तैयार नहीं है. वहीं महावितरण भी बिल माफ करने के लिए तैयार नहीं है. दूसरी ओर लाखों किसानों के बिजली के कनेक्शन कांटने की संभावना है.
* बकाया बिजली बिल की स्थिति
घरेलू 1,900 करोड रुपए
वाणिज्यिक 400 करोड रुपए
औद्योगिक 750 करोड रुपए
कृषि 45,700 करोड रुपए
जलापूर्ति 1,800 करोड रुपए
पथदीपक 6,500 करोड रुपए