अंबाबरवा में दो बाघ सहित 461 वन्यजीव
बुलढाणा वन्यजीव क्षेत्र में 11 तेंदूओं का डेरा रहने की जानकारी

बुलढाणा /दि.20– मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत आने वाले अंबाबरवा अभयारण्य में दो बाघ सहित 461 वन्यजीव का अस्तित्व पाया गया है. ज्ञानगंगा अभयारण्य में भी वन्यप्राणियों की संख्या काफी अधिक है. इस अभयारण्य में 524 विविध प्रजातियों के प्राणी दिखाई दिये है. ज्ञानगंगा में 11 तेंदूएं बुद्ध पूर्णिमा को हुई प्राणी गणना में दिखाई दिये है.
अंबाबरवा जंगल में बुद्ध पूर्णिमा को 27 मचानों से वन्य प्राणियों की गणना की गई. निसर्गप्रेमियों ने दिन-रात निसर्ग का अनुभव लिया. गणना के लिए 150 ट्रैप कैमरे लगाये गये थे. दो बाघ, तीन तेंदूए सहित भालू, मोर आदि विविध 461 वन्य प्राणियों के दर्शन होने की जानकारी वन परिक्षेत्र अधिकारी सुनील वाकोडे ने दी. अंबाबरवा अभयारण्य 15 हजार 839.75 हेक्टेअर क्षेत्रफल पर विस्तारित है. वन्यप्राणियों की गणना करने के लिए जंगल सफारी बंद रखी गई थी. गणना के लिए 5 वन क्षेत्रपाल, 19 वनरक्षक और 50 वनमजदूरों की नियुक्ति की गई थी. बुलढाणा व खामगांव तहसील में विस्तारित ज्ञानगंगा अभयारण्य में 11 तेंदूए, 25 भालू, 6 लकडबग्घा व अन्य विविध प्रजाति के 524 वन्यप्राणी दिखाई दिये.
* मेलघाट में 9 बाघ
मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में बुद्ध पूर्णिमा को प्राणी गणना में 997 मचानों में से वन्यजीवों का निरीक्षण किया गया. इस निरीक्षण में मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में 9 बाघ, 8 तेंदूए, 59 भालू, 272 जंगली भैसे, 409 हिरण, 125 नीलगाय दिखाई दी. पांढरकवडा वन्यजीव विभाग में 6 बाघ, 18 भालू, 211 नीलगाय और अकोला वन्यजीव विभाग में 8 तेंदूए, 19 भालू, 4 लकडबग्घे और 43 नीलगाय दिखाई दिये. इस उपक्रम में मुंबई, पुणे, यवतमाल, औरंगाबाद, नागपुर, परभणी, वाशिम, बुलढाणा, अकोला, नांदेड और अमरावती तथा मध्यप्रदेश के वन्यजीव प्रेमियों ने सहभाग लिया.
* टिपेश्वर जंगल में 6 बाघ
बुद्ध पूर्णिमा निमित्त यवतमाल जिले के पांढरकवडा के विभागीय वन्यजीव विभाग में प्राणी गणना का आयोजन किया गया था. इसके लिए टिपेश्वर और पैनगंगा अभयारण्य में 47 मचानों से किये गये निरीक्षण में टिपेश्वर अभयारण्य में 6 बाघ के दर्शन हुए. पाटणबोरी वन परिक्षेत्र में 4 तथा पारवा में 2 बाघ दिखाई दिये. इन दोनों अभयारण्य में 1651 वन्यजीव दिखाई दिये. इनमें टिपेश्वर में 1179 तथा पैनगंगा में 472 वन्यजीवों का समावेश है.