विदर्भ

50 कैदियों को तीन माह की सजा माफ

कारागृह से स्नातक का शिक्षण

नागपुर/ दि. 23– राज्य के करीबन 70 प्रतिशत कैदी कारागृह में शिक्षा ले रहे है. स्नातक हुए 150 से अधिक कैदियों की तीन माह की सजा माफ की गई है.
अनेक कैदी निराशा में जाते है, ऐसे कैदियों के पुनर्वसन के लिए राज्य कारागृह प्रशासन ने एक सकारात्मक प्रयास किया. राज्य के कुल 9 मध्यवर्ती व एक जिला कारागृह में कैदियों के शिक्षण के लिए शिक्षा विभाग स्थापित किया गया. यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विद्यापीठ नाशिक व इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विद्यापीठ नई दिल्ली के अभ्यास केंद्र शुरू किए और शिक्षकों की नियुक्ति की. इन शिक्षकों के लिए जरिए कैदियों की विद्यापीठ के अभ्यास केंद्र से प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण की जाती है. साथ ही कारागृह में ही अधीक्षक के नियंत्रण में परीक्षा का आयोजन किया जाता हैं. कारागृह विभाग के विशेष पुलिस महानिरीक्षक डॉ. जालिंदर सुपेकर के मार्गदर्शन में राज्य के कैदियों की शिक्षण की व्यवस्था की गई. वर्तमान स्थिति में येरवडा, कोल्हापुर, नागपुर, अमरावती, मुंबई, तलोजा, ठाणे, औरंगाबाद, नाशिक आदि मध्यवर्ती कारागृह व कल्याण जिला कारागृह ऐसे 10 कारागृह में विद्यापीठ के अभ्यास केंद्र है. शैक्षणिक अभ्यासक्रम में समाजशास्त्र, राज्यशास्त्र, अर्थशास्त्र, इतिहास, हिन्दी, मराठी विषय पढाए जाते है.

* 6 माह तक सजा में सहूलियत
कारागृह से स्नातक शिक्षा पूर्ण करने के बाद कैदियों को सजा में विशेष छूट दी जाती है. स्नातक की शिक्षा पूर्ण करनेवाले कैदियों को 90 दिन तथा पदव्युत्तर पदवी लिए कैदियों को फिर 90 दिन यानी 180 दिन माफी दी जाती है. अब तक कुल 154 कैदियों ने 90 दिन विशेष माफी का लाभ लिया है. इसमें से 14 कैदियों ने पदव्यूत्तर शिक्षण पूर्ण किया रहने से 180 दिनों की सजा में छूट दी गई है.

* कुछ कैदी जल्द अपने परिवार के पास लौटे
सजा में विशेष छूट मिलने से कुछ कैदी जल्द रिहा होकर अपने परिवार के पास लौट गए है. इसमें से अनेक कैदियों को प्रोत्साहन मिल रहा है. कुछ कैदियों को नौकरी मिलने में सहायता हुई है. साथ ही कैदियों में सकारात्मकता निर्माण हो रही है.
अमिताभ गुप्ता,
पुलिस महासंचालक राज्य कारागृह विभाग

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