विदर्भ

वन अपराध में सरकार जमा 531 वाहन उपवनसंरक्षक के नाम पर होंगे

परिवहन आयुक्त का परिपत्रक

मेलघाट दि.८  – राज्य के वन विभाग द्वारा भारतीय वन कानून 1927 अंतर्गत विभिन्न वन अपराधों में सरकार जमा किये 531मोटर वाहनों की हस्तांतरण प्रक्रिया मार्च अंत तक पूर्ण कर ली जाएंगी.मेलघाट के चिखलदरा, धारणी के अलावा परतवाड़ा वनपरिक्षेत्र में इस प्रकार अपराध में दर्ज अनेक वाहन जब्त पड़े है.इसी परिप्रेक्ष्य में राज्य के परिवहन आयुक्त अविनाश ढाकने ने एक मार्च को परिपत्रक जारी किया.इससे अनेक वर्षों से सिरदर्द बनी वाहनों की समस्या का निराकरण होंगा.
हकीकत में वन अधिकारी अपनी छापामारी में वन संपदा के साथ ही वाहन भी सरकार जमा कर लेते है.ये वाहन संबंधित विभाग के सामने खड़े खड़े सिर्फ भंगार हो जाते.सरकार जमा वाहनों के बारे में आरटीओ की ओर से कोई निर्णय नही होने से वो बरसो तक जस की तस खड़े ही रहते.इस संदर्भ में नागपुर के अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक संजीव गौड़ ने एक पत्र लिखकर परिवहन आयुक्त को बताया था कि इस जब्त वाहनों के कारण सरकार को राजस्व का नुकसान सहन करना पड़ रहा.उक्त पत्र का सज्ञान लेते हुए परिवहन आयुक्त ने परिपत्रक जारी कर वन अपराध में जमा सभी वाहन उपवन संरक्षक के नाम से करने के निर्देश आरटीओ को दिए है.सरकार जमा वाहन वनविभाग को हस्तांतरित कर उसकी नीलामी से जो रकम अथवा महसूल प्राप्त होंगा उसे शासन की तिजोरी में जमा करवाना होंगा.
इस संदर्भ में आर. टी.गीते, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी अमरावतीं ने बताया कि वन अपराध में सरकार जमा वाहनों का मूल्यांकन कर उसे उपवनसंरक्षक के नाम किया जायेगा.इस आशय का परिपत्रक परिवहन आयुक्त से प्राप्त हुआ है.वनाधिकारियों द्वारा मांग किये जाने पर सरकार जमा वाहनों पर योग्य प्रक्रिया की जाएंगी.
ताजा स्थिति में वन्यजीव विभाग के मेलघाट में 63 वाहन, आलापल्ली में 4,वेस्ट मुंबई के बोरीवली में 6, ठाणे में 37 , कोल्हापुर में 8 और औरंगाबाद में 60 वाहन जब्त है.प्रादेशिक वनविभाग द्वारा जब्त किए वाहनों में अमरावतीं में 22, औरंगाबाद में 60,नासिक 39, गढ़चिरौली 37, ठाणे 105, पुणे 8, कोल्हापुर 18,नागपुर 3, और धुलिया में 57 वाहन सरकार जमा होकर जब्ती में खड़े है.
 परिवहन आयुक्त के आरटीओ को स्पष्ट निर्देश है कि यदि किसी वाहन पर ऋण अथवा कर्ज होंगा तो वित्तीय व्यक्ति अथवा संस्था के विरोध अथवा एनओसी का कोई विचार नही किया जाए.मोटर वाहन कर, पर्यावरण कर यदि बाकी हो तो नीलामी की रकम में से उसे वसूल किया जाए.वनविभाग द्वारा जब्त किए वाहन का मूल्य आरटीओ निश्चित करेंगे.वाहन की नीलामी से प्राप्त रकम में से बकाया वाहन कर वसूली को प्राथमिकता देनी होंगी.कबाड़ हो चुके वाहन का नीलामी करने पर उस वाहन को पुनः सड़क पर आने की अनुमति नहीं होंगी.जब्त वाहन की बिक्री करते समय महाराष्ट्र मोटर वाहन कर कानून 1958 का पालन करना होंगा.टैक्स जमा होने पर उसे कम्प्यूटर पर बैकलॉग लेकर ही उसे मान्यता दी जाए.

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