विदर्भ

पुलिस सुरक्षा में धामणगांव से अमरावती लाये गए 58 ऊंट

गुजरात से 1200 किलोमीटर पैदल चलकर आये

  • थानेदार व एनिमल वेलफेअर संगठन की सतकर्ता से मिला जीवनदान

धामणगांव रेलवे/दि.10 – गुजरात से 1 हजार 200 किलोमीटर तेलंगना की राजधानी हैदराबाद में कत्ल के लिए ले जाए जा रहे 58 ऊंटों को पकडकर पुलिस सुरक्षा में धामणगांव से अमरावती लाने के बाद दस्तुर नगर स्थित गोरक्षण में सुरक्षित रखा गया है. धामणगांव पुलिस व एनिमल वेलफेअर संगठन की सतर्कता से ऊंटो को जीवनदान मिला. इसके बाद इन ऊंटों को चिखलदरा रवाना किया जाएगा. यह ग्रामीण पुलिस की बडी कार्रवाई मानी जा रही है.
मिली जानकारी के अनुसार हैदराबाद के पशुसंवर्धन समिति व्दारा तलेगांव पुलिस को जानकारी मिली कि, शनिवार को परिसर से ऊंट कत्ल के लिए ले जाया जा रहे है. इसपर 58 लाख कीमत के 58 ऊंट पुलिस ने पकडे. ऊंट तस्करी के पीछे अंतरराज्यीय तस्करों का गिरोह सक्रीय रहने का संदेह जताया जा रहा है. तलेगांव पुलिस थाने में मामला भी दर्ज किया गया है. बता दें कि इंटरनेशनल युनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर एसोसेस अंतरराष्ट्रीय संस्था ने ऊंट को काफी परिश्रम कार्य प्राणी घोषित किया है. ऊंट की सुरक्षा के लिए राजस्थान सरकार ने 2015 में विशेष कानून लागू किया है, लेकिन फिर भी तस्करी करते हुए उन्हें कत्लखाने तक पहुंचाया जाता है. एक ऊंट को 15 से 20 हजार रुपए में खरीदने के बाद कत्लखाने वालों को 1 लाख रुपए में बेचा जाता है. देश के कई क्षेत्रों में ऊंट का गोश खाया जाता है और उसकी खाल विभिन्न कामों में उपयोग की जाती है. जिसके कारण ऊंट की काफी मांग है. इस अवैध व्यवसाय के कारण वर्षभर में करोडों रूपयों की तस्करी की जाती है. तलेगांव पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गुजरात निवासी रबारी प्रभा राणा (40), जग्गा रबारी हिरा (50), विसाबाई सकुबाई रबारी (70), मुसाबाई हमीदजद (48), वीर राणा रबारी (46) ऐसे पांच आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर बरामद किये गए ऊंट को रविवार की रात अमरावती के गौरक्षण में सुरक्षित पहुंचाया गया है.

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