नागपुर/दि.23 – शासकीय स्तर पर किए गए सर्वेक्षण के अनुसार कोरोना की वजह से 60 प्रतिशत लोग कर्ज में होने की रिपोर्ट सामने आयी है. दो साल पूर्व कोरोना महामारी की वजह से हर क्षेत्र को आघात पहुंचा है. अनेक लोगों को अपने प्राण भी गंवाने पडे. कुछ लोगों का रोजगार भी खत्म हो गया. महामारी नई होने की वजह से अलग-अलग औषधियों का प्रयोग किया गया. आर्थिक संकट में फसे लोगों को संकट से बाहर निकालने के लिए शासन व्दारा विविध योजनाएं भी चलायी गई. किंतु फिर भी अनेक लोग आज भी सदमे से बाहर नहीं आए.
राज्य में कोविड-19 का पहला मरीज 9 मार्च को पुणे में पाया गया था. 23 मार्च से मध्यरात्र से देशभर में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया. कोरोना महामारी का सभी घटकों पर व सामाजिक तथा आर्थिक स्तर पर परिणाम हुआ. कोरोना अभी भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ किंतु बाधितो की संख्या नियंत्रण में है अब तक नागरिकों को कोरोना की तीन लहरों का सामना करना पडा. हाल ही में शासकीय स्तर पर किए गए सर्वे में राज्य के 16 हजार परिवारों के 66 हजार 748 सदस्यों से संपर्क साधा गया. जिसमें पाया गया है कि, शहरी क्षेत्र के 91.7 व ग्रामीण क्षेत्र के 92.2 प्रतिशत नागरिकों ने कोरोना वैक्सीन नहीं ली. वैक्सीन का पहला डोज लेने के बाद भी 7.3 प्रतिशत लोग पॉजीटिव हुए. दोनो ही डोज लेने वाले 0.5 प्रतिशत लोगों पर कोरोना संकट छाया.
खर्च में वृद्धी
कोरोना की वजह से स्वास्थ्य, स्वच्छता, बिजली बिल जैसे खर्चो में वृद्धि हुई. 18 प्रतिशत परिवारों व्दारा ऑनलाइन शिक्षा के लिए या फिर वर्क फार्म होम के लिए लैपटॉप व मोबाइल की खरीदी की. ऐसे शहर के 70 फीसदी व ग्रामीण के 97 फीसदी परिवारों का समावेश है. शहरी क्षेत्र में 60 फीसदी व ग्रामीण क्षेत्रों 47 फीसदी लोगोें ने कर्ज लिया.
54 फीसदी विद्यार्थियों का इंटरनेट खंडित
कोरोना काल में शाला व महाविद्यालय बंद होने की वजह से ऑनलाइन शिक्षा दी गई. 5 साल से व उससे अधिक आयु गुट के 85 फीसदी विद्यार्थियों ने लॉकडाउन काल में ऑनलाइन शिक्षा ली.90 फीसदी विद्यार्थियों ने स्मार्ट फोन का इस्तेमाल किया. जिसमें 54 प्रतिशत विद्यार्थियों की इंटरनेट सेवा खंडित हुई.
कौन कहां संक्रमण का शिकार हुआ
स्थल शहर ग्रामीण
विवाह समारोह 4.6 8.9
अंतिम संस्कार 1.5 3.1
भीड के स्थल 20.5 30.2
कामों के स्थान 30.8 20.8
परिवारों की सदस्यों से 34.3 25.1
अन्य कारणों से 8.3 11.9
वैद्यकीय कर्मचारियों की सर्वाधिक संख्या
सेवा का प्रकार : बाधित कर्मचारी
वैद्यकीय क्षेत्र : 33 प्रतिशत
पुलिस : 26.7 प्रतिशत
प्रशासकीय सेवा : 20.1 प्रतिशत
अन्य आवश्यक सेवा : 20.2 प्रतिशत