विदर्भ

27 दिन में 7 करोड की टिकटें हुई रद्द

लॉकडाउन का सफर पर भी पडा असर

नागपुर/प्रतिनिधि दि.३० – लॉकडाउन के चलते सफर पर भी पाबंदियां लगने से ट्रेनों पर इसका सीधा असर पड रहा है. बीते 27 दिनों में मध्य रेल्वे के नागपुर विभाग में से 7 करोड रुपयों से ज्यादा टिकटों को रद्द कर दिया गया है.
यहां बता दें कि बीते मार्च माह से कोरोना की दूसरी लहर बनी हुई है. पहले लहर से ज्यादा दूसरी लहर तीव्र नजर आ रही है. जिसके चलते राज्य सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा की है. लॉकडाउन में रहने वाली पाबंदियों के अलावा कोरोना का भय बरकरार रहने से यात्री घर से बाहर निकलने के लिए तैयार नहीं है. जिन्होंने जनवरी, फरवरी में टिकटें निकाली थी वे भी अब अपना सफर रद्द करवा रहे है. बीते 1 से 27 अप्रैल के दरमियान मध्य रेल्वे के नागपुर विभाग में सव्वा लाख यात्रियों ने 7 करोड 72 लाख रुपयों के टिकटों को रद्द किया है जिसके चलते रेल्वे को इतनी बडी रकम लौटानी पड रही है. यात्रियों की संख्या भी दिन ब दिन कम होने से रेल प्रबंधन की ओर से भी अनेक ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. जिसका परिणाम रेल के राजस्व पर हो रहा है. केवल नागपुर रेल्वे स्टेशन से 3 हजार 640 यात्रियों ने टिकटे रद्द की है.
नागपुर रेल्वे स्टेशन पर रोजाना टिकट रद्द करवाने के लिए आनेवाले लोगों की संख्या भी बढ रही है हाल की घडी में ज्यादातर लोग वर्क फॉर्म होम कर रहे है. सरकार की पाबंदियों के चलते कर्मचारियों को भी घर से ही काम करने की अनुमति दी गई है. वहीं रेल्वे के पास धारक भी अब ज्यादा आवागमन करते हुए दिखाई नहीं दे रहे. 1 से 27 अप्रैल के दरमियान 9 हजार 72 पास धारकों ने अपने पासेस रद्द किए है. पास धारकों को भी भरी हुई रकम रेल प्रशासन को लौटानी पड रही है. बीते 27 दिनों में नागपुर रेल्वे स्टेशन पर से 54 लाख रुपए लौटाए गए है. हाल की घडी में जो ट्रेने दौड रही है उनके भी बर्थ खाली जा रहे है इसलिए ट्रेनें चलाना भी रेल प्रशासन को मंहगा साबित हो रहा है.

  • रेल प्रशासन निभा रहा सामाजिक जिम्मेदारी

रेल प्रशासन का बडे पैमाने पर नुकसान हो रहा है. बावूजद इसके रेल प्रबंधन की ओर से सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाया जा रहा है. हाल ही में रेल्वे द्बारा नागपुर में ऑक्सीजन लाया गया था अब मनपा के सहयोग से रेल्वे प्रशासन ने ट्रेनों की बोगियों में कोविड केयर स्थापित किए है.

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