नागपुर/दि.31 – गाजेबाजे के साथ शुरु किए गए हॉलमार्किंग के करीब 40 दिनों में ही देशभर के 72 केंद्र काम की अनियमितता के कारण रद्द किये गये हैं. जिससे गहनों के प्रमाणीकरण की प्रक्रिया पर प्रश्नचिन्ह निर्माण हुआ है.
केंद्र सरकार ने हॉलमार्क वाले गहनों की बिक्री अनिवार्य की है. इसके साथ ही गहनों को विशेष पहचान प्राप्त करवाने वाला एचयूआयडी क्रमांक देना अनिवार्य किया है. इसके लिए सरकार की ओर से निर्धारित की गई प्रयोगशालाओं में आभूषण दिया जाता है. प्रयोगशाला में गहनों का हॉलमार्किंग होता है. वहीं उसे एचयूआइडी क्रमांक दिया जाता है. यह संपूर्ण प्रक्रिया होने में आठ दिन का समय लगता है. जिससे ग्राहक व सराफा व्यापारी परेशान हो गये हैं. आठ दिनों का समय लगने से ग्राहकों व्दारा होने वाली खरीदी प्रभावित हो रही है.
इन सभी पार्श्वभूमि पर हाल ही में नेशनल टास्क फोर्स ऑन हॉलमार्किंग की बैठक हुई. जिसमें हॉलमार्किंग सेंटर के रद्द होने, सदोष पध्दति के मुद्दों पर चर्चा की गई. हॉलमार्किंग केंद्र की अनियमितता के कारण रद्द होने से गहनों के प्रमाणीकरण की प्रक्रिया शक के घेरे में आयी है. 933 केंद्रों में से 450 केंद्र कार्य मुक्त किये गये हैं. इसका फटका सराफा व्यापारियों को बैठ रहा है. इस बाबत अधिक जानकारी देते हुए सोना–चांदी गली कमिटी के सचिव राजेश रोकडे ने कहा कि गहनों के प्रमाणीकरण का नया तरीका तकलीफदेह व समय बर्बाद करने वाला है. जिसे नागपुर सहित संपूर्ण देश से विरोध किया जा रहा है.
…तो लगेंगे 500 दिन
फिलहाल एक लाख नग हॉलमार्क हो रहे हैं. इस गति से हॉलमार्किंग शुरु रहने पर देशभर के स्टॉक के लिए आगामी 500 दिन लगेंगे. यह गति सराफ एवं ग्राहकों की दृष्टि से संतापजनक है.