विदर्भ

50 दिन में ही पति छोडने वाली पत्नी को 7,500 रुपए खानापूर्ति

उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ का फैसला

नागपुर-दि.11  विवाद के बाद केवल 50 दिनों में ही पति को छोडकर मायके चली गई पत्नी को मासिक 7 हजार 500 रुपए अंतरिम खानापूर्ति मंजूर की गई. मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ के न्यायमूर्ति विनय जोशी ने यह फैसला सुनाया.
इस मामले में पत्नी नागपुर और पति पुणे निवासी है. 9 फरवरी 2022 को नागपुर पारिवारिक न्यायालय ने पत्नी को मासिक 10 हजार रुपए खानापूर्ति मंजूर किया था, इसके खिलाफ पति ने उच्च न्यायालय में आवेदन किया था. अदालत ने रिकॉर्ड पर उल्लेखित सबूत व सर्वोच्च न्यायालय ने सुनाए फैसले को देखते हुए पारिवारिक न्यायालय के विवादित आदेश को बदल दिया और खानापूर्ति में समतोल बनाकर पत्नी को मासिक 7 हजार 500 रुपए मंजूर किये. इस दम्पति का 9 नवंबर 2019 को विवाह हुआ था.

यह था पत्नी का कहना
पति व सुसराल के लोग विवाह हुआ तब से दहेज के लिए शारीरिक व मानसिक प्रताडित करते थे. इस वजह से मायके जाना पडा. फिलहाल पालकों के आधार पर जीवन जी रही है. आयक का स्त्रोत कुछ भी नहीं, पति निजी कंपनी में कार्यरत है, उसे वार्षिक 13 लाख 32 हजार रुपए वेतन मिलता है, ऐसा पत्नी का कहना था.

पति ने अमान्य किया
पति ने पत्नी के सभी आरोप अमान्य किये. पति पालन पोषण करता नहीं, इसके अलावा अन्य सभी आरोप झूठे है, पति फिलहाल एक निजी कंपनी में 30 हजार रुपए मासिक वेतन से काम करता है. पत्नी लघु फिल्म, ट्युशन क्लास, प्रयोग शाला तज्ञ व बैंक एजंट के रुप में पैसे कमाती है, ऐसा अदालत में बताया.

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