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756 पाकिस्तानी हुए ‘भारतीय’

नागरिकता के लिए 721 आवेदनों पर प्रक्रिया शुरु

* सीएए अधिसूचना के कारण मार्ग हुआ आसान
नागपुर/दि.15– विभाजन के बाद भारत और पाकिस्तान ऐसे दो देश तैयार हुए. दोनों देशो की सीमा में वें बंधे रहे. पाकिस्तान में रहने के बावजूद ‘हम भारतीय है’ यह भावना अधिक प्रबल थी. इसी कारण वें भारत लौट आए और भारतीय नागरिकता मिलने के लिए उन्होंने लडाई शुरु की. नागरिकता दुरुस्ती कानून (सीएए) लागू करने की घोषणा केंद्र सरकार ने सोमवार को की. इस कारण भारतीय नागरिकता का मार्ग अधिक आसान हुआ. पिछले साढे पांच साल में पाकिस्थान के 756 नागरिक नागपुरवासी हो गए है.

सीएए-2019 कानून लागू करने की घोषणा केंद्र सरकार ने दो दिन पूर्व सोमवार को की. आगामी लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि पर सरकार ने यह निर्णय लिया है. इसके मुताबिक 31 दिसंबर 2014 के पूर्व पाकिस्तान, अफगानिस्तान से बांगला देश और भारत में स्थलांतरीत हुए सीख, बौद्ध, पारशी, जैन, हिंदू, क्रिश्चन नागरिको को इस कानून के जरिए भारतीय नागरिकता दी जानेवाली है. सीएए के प्रावधान के मुताबिक भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने पर उनसे किसी भी कागजपत्र की मांग नहीं की जाएगी, ऐसा भी शासन ने घोषित किया है. इस सुधार का लाभ नागरिकता मिलने के लिए होगा. पिछले अनेक साल की लडाई सफल होने की खुशी रहने की भावना सिंध मुक्ति संगठना के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रा. विजय केवलरामानी ने व्यक्त किया.

* निष्ठा की दी जाती है शपथ
‘मैं भगवान के नाम शपथ लेता हूं कि, मैं कानूनन स्थापित किए भारतीय संविधान पर पूरा विश्वास और निष्ठा रखुंगा और मैं भारत के कानून का निष्ठा से पालन करुगा. एक नागरीक के रुप में मेरा कर्तव्य पूरा निभाऊंगा’, ऐसी शपथ दी जाती है.

* हमें हमारा देश मिला
पाकिस्तान में हम अल्पसंख्यांक के रुप में रहते थे. अनेक संकट का सामना वहां करना पडता था. हम भारतीय है, यह भावना दिल में रखते हुए अनेक साल पाकिस्तान में गुजारे. आखिरकार मातृभूमि की चाह में हम इस देश में वापस लौट आए. वीसा लेकर भारत में पिछले अनेक साल से रह रहे है. नागपुर में फिलहाल दो हजार से अधिक पाकिस्तानी नागरीक रहते है. नागरिकता मिलने की खुशी जन्म की खुशी से भी अधिक है, ऐसी भावना भारत की नागरिकता मिले और नागपुर निवासी हुए नागरिको ने व्यक्त की.

* उपराजधानी में 2100 विदेशी नागरीक
उपराजधानी नागपुर में तीन देशों से आए करीबन 2100 नागरीक रहने की जानकारी सामने आई है. पाकिस्ताने से सर्वाधिक दो हजार, अफगानिस्तान से 80 नागरिक तथा बांगला देश से पांच नागरीक नागपुर में रहते है. यह विदेशी नागरीक नागपुर में कितने समय से रहते आए है इसकी जानकारी पुलिस के पास न रहने की सूत्रो की जानकारी है.

* ऐसे मिली नागरिकता
– नागरिकता कानून के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांगला देश से भारत में स्थलांतरीत हुए सीख, बौद्ध, पारशी, जैन, हिंदू, क्रिश्चनो को नागरिकता देने का अधिकार देश के 9 राज्यो के 30 जिलाधिकारी व गृह सचिव को दिया गया था. इसमें नागपुर का भी समावेश था.
– जिलाधिकारी कार्यालय में अगस्त 2014 से आवेदन स्विकारना शुरु हुआ. अब तक नागरिकता दिए गए 756 लोगो में से अधिकांश सिंधी समुदाय के लोग है.
– शेष 721 आवेदन में से 138 लोगो को हाल ही में नागरिकता की शपथ दिलाई गई. उन्हें नागरिकता का प्रमाणपत्र बहाल किया गया है. शेष आवेदन पर प्रक्रिया जारी है. त्रुटी पाए जाने से 25 आवेदन रद्द किए गए है.
– नागरिकता सिद्ध करने के लिए बडी प्रक्रिया से गुजरना पडता था. यह प्रक्रिया अब आसान हो गई है.

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