106 फर्जी बैंक खातों से 800 करोड का हुआ घोटाला

साहू बंधुओं के रैकेट में खुलासा

* बैंकों से ब्यौरा हासिल करेगी पुलिस
नागपुर/दि.27-फर्जी बिल के आधार पर सरकार को करोड़ों रुपए की ठगी करनेवाले रैकेट के राष्ट्रीयकृत और निजी क्षेत्र के बैंकों में 106 फर्जी खाते होने का खुलासा हुआ है. इन खातों को रैकेट का सूत्रधार बंटी साहू और उसका भाई जयेश साहू ही संचालित कर रहे थे. दोनों फर्जी कंपनियों के माध्यम से रोज करोड़ों रुपए की हेराफेरी करते थे.
ज्ञात हो कि अब तक की जांच में साहू बंधुओं द्वारा 86 फर्म के माध्यम से 800 करोड़ रुपए के फर्जी बिल बनाए जाने का पता चला है. किसी भी सामान की बिक्री किए बगैर केवल फर्जी बिल बनाकर हेराफेरी को अंजाम दिया जा रहा था. इस रैकेट से बिल खरीदने वाले लोग आरोपियों के खातों में बिल की राशि जमा करते थे. आरोपी खातों से निकाल कर अपना कमीशन काटने के बाद शेष राशि नकदी स्वरूप में बिल स्वरीदने वाले को लौटा देते थे. खातों से रुपए निकालने के लिए ही आठ से दस भरोसेमंद लोगों को रखा गया था. जबकि बंटी के कार्यालय में 25 लोगों का मनुष्य बल था जो सबकुछ संचालित करता था.
इस रैकेट के संचालन के लिए साहू बंधुओं द्वारा 106 फर्जी खाते खोले जाने का पता चला है. क्राइम ब्रांच सभी बैंक से खातों का ब्यौरा हासिल करनेवाली है. यह खाते बंटी और उसके साथियों के नाम पर हैं. यह खाते एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, यस बैंक, साउथ इंडियन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और अन्य बैंकों के बताए जाते हैं.
बंटी बैंक खातों से लिंक मोबाइल नंबर के सिम कार्ड और पासबुक अपने पास रखता था. बीते तीन साल से चल रहे इस रैकेट की संबंधित सरकारी विभागों को जानकारी थी. बंटी और उसके कुनबे से लिप्तता और फर्जी मामलों में फंसाने की शैली के चलते कोई कार्रवाई करने के लिए सामने नहीं आ रहा था. क्राइम ब्रांच ने गोपनीय तरीके से जांच कर रैकेट का पर्दाफाश कर दिया. इस रैकेट में शहर के कई व्यापारी, हवाला ऑपरेटर, अपराधी, बिचौलिये और सरकारी अधिकारी लिप्त है. आर्थिक एजेंसियों भी जांच करनेवाली है. साहू बंधुओं की पुलिस हिरासत खत्म होने से पुलिस मंगलवार को उन्हें अदालत में पेश करनेवाली है. बृजकिशोर मनियार की जमानत पर रिहाई हुई है जबकि ऋषि लखानी और आनंद हरडे जेल में है.
* कर्मियों के नाम पर फर्जीवाड़ा
क्राइम ब्रांच ने बंटी शाहू के दो पूर्व कर्मचारी सुनील वानखेड़े और दिलीप फुलझेले के बयान दर्ज किए हैं. उनसे घोटाले की एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है. दोनों ने शाहू द्वारा फर्जी कंपनियां खोलने का बताया है. वानखेड़े के नाम पर साक्षी स्टील और फुलझेले के नाम पर सोनू ग्लास ट्रेडर्स रजिस्टर्ड की गई है. बंटी फर्जीवाड़ा से करोड़ों कमाने के बावजूद दोनों कर्मियों को वेतन तक नहीं देता था. दोनों ने उनका शोषण होने का बताया है. जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर झूठे आरोप लगाकर बंटी सालों से भस्मासुर बना हुआ था. पहली मर्तबा उसे कानून का डंडा क्या होता है यह पता चला है.

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