नागपुर प्रतिनिधि/दि.११ – कोरोना महामारी में समूचा वर्ष गया.इस समय अत्यावश्यक सेवा के तौर पर राशन दुकानदारों ने बडी जिम्मेदारी निभाई. राशन दुकानदारों के कारण सरकार का नि:शुल्क अनाज गरीबों तक पहुंच पाया. सरकार ने भी यह बात मान्य की. यह सेवा देते समय राज्यभर में पूरे 93 राशन दुकानदारों की कोरोना के चलते मौत हो गई. केवल 93 दुकानदार ही नहीं तो 93 परिवार रास्ते पर आ गए. जिससे इन मृत राशन दुकानदारों के परिवार को भी पुलिस व डॉक्टर की तर्ज पर 50 लाख का सुरक्षा बीमा लागू करें, इस तरह की मांग विदर्भ रास्तभाव दुकानदार, केरोसीन विके्रता संगठन ने की है.
संगठन के अध्यक्ष संजय पाटिल ने इस संदर्भ में सरकार के पास पत्र व्यवहार भी किया है. उनका कहना है कि कोई भी व्यक्ति अनाज से वंचित न रहे, इस कारण केंद्र सरकार ने राशन दुकानदारों व्दारा वितरण की व्यवस्था शुरु रखी. महामारी के दौरान अपनी जान की परवाह किये बगैर राशन दुकानदारों ने अनाज का वितरण किया है. जिससे अनेक दुकानदार कोरोना पॉजिटीव हुए. राज्य के लगभग 93 राशन दुकानदारों की कोरोना से मौत हुई. इसमें सर्वाधिक पुणे विभाग के 32, मुंबई 26, रायगड 8, नागपुर में 6 और अमरावती के 8 दुकानदारों का समावेश हैं. कोरोना काल में पुलिस व डॉक्टरों को कोरोना योध्दा के तौर पर मृत्यु के बाद 50 लाख का बीमा सुरक्षा कवच दिया गया है फिर इस बीमे का कवच राशन दुकानदारों को लागू क्यों नहीं, इस तरह का प्रश्न भी उन्होंने उपस्थित किया है.