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कुछ बीमारी से गए तो कुछ गोलियों का निशाना बने
गडचिरोली/दि.13 – महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ व तेलंगना इन राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्र में यानी नक्सली भाषा में घने जंगलों में विविध कारणों से पिछले सालभर में 96 नक्सलियों को अपनी जान गवानी पडी है. आगामी 28 जुलाई से शुरु होने वाले नक्सलियों के शहीद सप्ताह की पृष्ठभूमि पर जारी किये पत्रक में ही यह बात स्पष्ट हुई. विशेष यह कि इसमें बडे कैडर के कुछ नेताओं का समावेश है.
जुलाई 2020 से जुलाई 2021 इस सालभर की समयावधि में देशभर में 150 नक्सलियों को जान गवानी पडी. इसमें से 96 लोग घने जंगलों के है. उन 96 में 27 महिला नक्सलियों का समावेश है. मृत नक्सल नेताओं में पवन (एसझेडसीएम), अजित (डीवीसीएम), सोमजी (डीवीसीएम), रुकनी (महिला डीवीसीएम), वर्गेश (डीवीसीएम) व सतीश (डीवीसीएम) आदि वरिष्ठ कैडर का समावेश है. इसमें से कुछ लोग पुलिस के साथ हुई मुठभेड में मारे गए है तथा कुछ की कोरोना के साथ ही अन्य बीमारियों से मौत हो गई. महाराष्ट्र पुलिस दल की आक्रामकता से पिछले कुछ वर्षों में गडचिरोली व गोंदिया जिले की नक्सली गतिविधियां नियंत्रण में आयी है. इसके अलावा गडचिरोली में अनेक मुठभेड में नक्सली मारे जाने से आत्मसमर्पण का प्रमाण भी बढ चुका है.
शहीद सप्ताह मनाने का आह्वान
सुरक्षा दलों के साथ हुई मुठभेड में मारे जाने वाले नक्सलियों की स्मृति में हर वर्ष 28 जुलाई से 3 अगस्त के बीच नक्सलियों की ओर से शहीद सप्ताह मनाया जाता है. इस वर्ष भी उन्होंने यह सप्ताह मनाने का आह्वान करने वाले पत्रक दुर्गम क्षेत्र में डाले है. सोशल मीडिया से भी यह पत्रक भेजे जा रहे है. इस सप्ताह में मृत नक्सलियों की स्मृति में शहीद स्मारक का निर्माण व विविध कार्यक्रम अमल में लाने की बात इसमें कही गई है. इस बीच नक्सलियों का कार्यक्रम सफल न होने देने के लिए पुलिस विभाग भी सतर्क हुआ है.