जिलास्तर पर की गई एक समिति की स्थापना
सड़कों के चौड़ीकरण के लिए विकल्पों का सुझाव देने के लिए एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश
वर्धा/दि.९- लोक निर्माण मंत्री अशोक चव्हाण ने लोक निर्माण विभाग के सचिव को पर्यावरण और जिला कलेक्टर के साथ एक संयुक्त निरीक्षण करने और इन सड़कों के चौड़ीकरण के लिए विकल्पों का सुझाव देने के लिए एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. साथ ही वर्धा-सेवाग्राम सड़क के 2 किमी चौडाईकरण के कार्य को तुरंत रोक लगाने के निर्देश दिए है.वर्धा-सेवाग्राम रोड चौड़ीकरण को लेकर आज लोकनिर्माण विभाग मंत्री अशोक चव्हाण की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंस ली गई. वीडियो कांफ्रेंस में पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे, पर्यावरण सचिव वलसा नायर सिंह, सचिव (निर्माण) अजीत सगाने, सचिव (सड़क) उल्हास देवद्वार के साथ जिला कलेक्टर विवेक भीमनावर, मुख्य अभियंता संजय दशरुते, अधीक्षण अभियंता सुषमा सखारवडे, उप सचिव पंढरे उपस्थित थे.
चव्हाण ने कहा कि वर्धा सेवाग्राम सड़क का चौड़ीकरण संकर वार्षिकी के तहत किया जा रहा है. विभिन्न संगठनों की मांग थी कि सड़क के चौड़ीकरण में पेड़ों को नहीं काटा जाना चाहिए. इस पृष्ठभूमि के खिलाफ, बैठक में सड़क चौड़ीकरण के 67 पेड़ों के मुद्दे पर चर्चा की गई. पेड़ों को काटे बिना वैकल्पिक तरीके से सड़क का काम कैसे किया जा सकता है? मामले को देखने और वापस रिपोर्ट करने के लिए लोक निर्माण विभाग के सचिव (सड़क) की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है. वैकल्पिक व्यवस्था होने तक इस क्षेत्र में काम को स्थगित रखने का निर्देश दिया गया है. इस संबंध में अंतिम निर्णय लेने तक पेड़ों की कटाई पर कोई रोक नहीं है.
फ्लाईओवर के बाद की सड़क की लंबाई को फोर-लेन के बिना टू-लेन सड़क के रूप में विकसित किया जाना चाहिए. सड़क सुरक्षा के आवश्यक उपाय करने की व्यवहार्यता की जाँच करना. चव्हाण ने कहा कि समिति सड़क के किनारे के पेड़ों को बचाने के लिए सड़क संरचना में बदलाव करने की संभावना का अध्ययन करेगी, सड़क के प्रस्तावित निर्माण के दौरान सड़क के किनारे के पेड़ों को फिर से भरने की व्यवहार्यता की जांच करेगी, साथ ही साथ भारी यातायात को मोडऩे की संभावना भी होगी.
पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने यह भी कहा कि वर्धा सेवाग्राम सड़क के चौड़ीकरण में पेड़ों को नहीं काटा जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि पेड़ों को काटने के बिना इसे चौड़ा करने के तरीके पर जल्द से जल्द काम किया जाना चाहिए.
सचिव (सड़क) उल्हास देबद्वार की अध्यक्षता में गठित समिति में जिला कलेक्टर विवेक भीमनावर, लोक निर्माण विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी, पर्यावरण विभाग, वन विभाग के अधिकारी, महाराष्ट्र औद्योगिक विकास बोर्ड के अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारी शामिल हैं. समिति एक संयुक्त निरीक्षण करेगी और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.