
* डागा अस्पताल ने उपलब्ध कराई ‘फैक्टर 9’ की 50 वायल्स
नागपुर/ दि. 19– कुछ लोगों को आंत्रिक या बाह्य चोट लगने पर लगातार रक्तस्त्राव होता है. इसमें कोई थक्का नहीं जमता. इस समस्या को ‘जेनेटिक डिसऑर्डर हिमोफिलिया’ कहा जाता है. ऐसे रोगियों पर शल्यचिकित्सा (सर्जरी) करना कठिन एवं जटिल होता है. हालांकि मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने अपना अनुभव और कौशल का उपयोग करके हिमोफिलिया से पीडित 16 वर्षीय एक लडके के क्षतिग्रस्त पैर को काटकर उसकी जान बचा ली.
डागा अस्पताल की हिमोफिलिया यूनिट ने फैक्टर 9 की 50 शीशियां (वायल्स) उपलब्ध करवाकर सहयोग दिया. चंद्रपुर जिले के आदिवासी क्षेत्र के 16 वर्षीय अजीत शेंडे को 9 फरवरी को मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग के वार्ड क्रमांक 20 में भर्ती कराया गया था. 20 दिन पहले इस मरीज का दाहिना पैर दो पहिया वाहन के सायलेंसर से जल गया था. लेकिन जलने का घाव उसके बाद भी ज्यादा ठीक नहीं हुआ. इस वजह से पैर काले पड रहे थे. लगातार रक्तस्त्राव भी हो रहा था. मेडिकल जांच के दौरान मरीज को हिमोफिलिया रोग से पीडित पाया गया. ेऐसा मरीज 10 लाख में से एक में पाया जाता है.् अस्पताल आने से पहले मरीज का वर्धा के सेवाग्राम अस्पताल में तीन दिन तक इलाज चला था. वहां उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्था (एम्स) में भर्ती कराया गया. एम्स ने इस मरीज को मेडिकल कॉलेज भेज दिया.
* मुख्य बिंदू
कठिन एवं जटिल होती है मरीजों की सर्जरी करना
चंद्रपुर जिले का 16 वर्षीय अजीत शेंडे था इस बीमारी से पीडित
10 लाख में से एक में मरीज आता है सामने
रक्तस्त्राव रोकने के लिए फैक्टर 9 दवा देकर की जोखिम भरी सर्जरी
चिकित्सकों की टीम को मिली सफलता
* डॉक्टरों ने किया सफल ऑपरेशन
सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. ब्रिजेश गुप्ता के मार्गदर्शन में डॉ. प्रवीण भिंदारे और उसके सहयोगी डॉक्टरों की टीम ने मरीज पर तत्काल उपचार शुरू किया. मरीज की जान बचाने के लिए उसका दाहिना पैर तुरंत काटना पडा. यह शस्त्रक्रिया (ऑपरेशन) जटिल एवं पेचीदा थी. रक्तस्त्राव को रोकने के लिए फैक्टर 9 दवा देकर यह जोखिम भरी सर्जरी सफल रहीै. इसमें एम्स के रक्त विकार विशेषज्ञ डॉ. विश्वजीत सहित मेडिकल के डॉ. अनूप वाडोकर, डॉ. प्रदीप शिवसारण, डॉ. पंकज टोंगसे, डॉ.् महिमा अद्बैत्या, डॉ. रेवती पुल्लावार, डॉ. शिवलीला होसांगडी, डॉ. सिध्दी छाजेड, डॉ. प्रणाली पटले, डॉ. युवेश खन्ना, पैथॉलॉजिस्ट डॉ. शैलेंद्र जांभुलकर, डॉ. मंजीरी माकडे, डॉ. तृप्ती लांडे, डॉ. संदीप पोराटकर, इंचार्ज आशा मोडक, परिचारिका प्रतिमा उइके, ब्रदर सांगोडे ने सहयोग किया.
* डागा अस्पताल तक लगाई दौड
फैक्टर 9 डागा अस्पताल के हिमोफिलिया सेंटर से मरीजों को नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाता है. रोगी यह फैक्टर प्रदान करने के लिए मेडिकल के अधिष्ठाता डॉ. राज गजभिये के मार्गदर्शन में मेडिकल अधीक्षक डॉ. अविनाश गावंडे ने तत्काल इस सेंटर के यूनिट इंचार्ज डॉ. संजय देशमुख व नागपुर की डॉ. निवृत्ति राठोड से संपर्क किया. उन्होंने फैक्टर 9 औषधी की 50 शीशियां उपलब्ध कराई.