विदर्भ

अभय योजना से राज्य की तिजोरी में 6 हजार करोड रुपए होंगे जमा

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने विधानसभा में दी जानकारी

नागपुर /दि. 20– राज्य सरकार ने राजस्व वसूली के प्रयास शुरु किए है. साल 2017 से 2020 के दौरान तीन वित्त वर्ष में वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) मांग से संबंधित ब्याज अथवा दंड माफी के लिए लागू की गई अभय योजना की वजह से लगभग साढे 5 से 6 हजार करोड रुपए की विवादित रकम जमा होने की अपेक्षा है. जिसमें से आधी रकम यानी 3 हजार करोड रुपए की राजस्व वसूली राज्य की तिजोरी में जमा होेगी, ऐसी जानकारी उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने गुरुवार को विधानसभा में दी.
अभय योजना की समयावधि 31 मार्च 2025 तक है. इससे पहले टैक्स का भुगतान किए जाने पर संबंधित ब्याज और दंड माफ होने से व्यापारी इस योजना का लाभ लेे, ऐसा आव्हान अजित पवार ने व्यापारियों से किया है. महाराष्ट्र राज्य वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) अधिनियम अंतर्गत साल 2017 से 2020 के दौरान कर की मांग से संबंधित ब्याज अथवा दंड या फिर दोनों ही माफ किए जाने के लिए राज्य में अभय योजना लागू की गई है. इस योजना की समयावधि में टैक्स भरने पर सभी ब्याज व दंड माफ कर दिए जाएंगे.
राज्य प्राधिकरण के अधिनस्थ करदाताओं की ओर से साधारण 1 लाख 14 हजार निवेदन अपेक्षित है. विवादित रकम 54 हजार करोड रुपए है. जिसमें विवादित कर 27 हजार करोड रुपए तथा दंड व सख्ती की रकम 27 हजार करोड रुपए है. इसके पहले का अनुभव देखते हुए विवादित करो की 20 प्रतिशत रकम योजना में जमा थी. इसके अनुसार योजना में 5 हजार 500 करोड से 6 हजार करोड रुपए विवादित कर की रकम जमा होना अपेक्षित है. जिसमें आधी रकम यानी 2 हजार 700 करोड से 3 हजार करोड रुपए राज्य सरकार को मिलेगे व शेष रकम केंद्र सरकार की तिजोरी में जमा होगे. इस योजना की वजह से व्यापारियों को 5 हजार 500 से 6 हजार करोड रुपए के ब्याज व दंड में राहत मिलेगी, ऐसी जानकारी अजित पवार ने विधानसभा में दी.

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