विदर्भ

शेगांव के अभिजीत की ‘जीत‘

विदर्भ में मातंग समाज का पहला आईएएस

शेगांव/प्रतिनिधि/दि.५-इलेक्ट्रॉनिक और टेलीकम्युनिकेशन में बीई करने के बाद बडी कंपनियों द्वारा नौकरी के लिए सिलेक्ट हुए. मगर निजी नौकरी न करते हुए समाज का कर्ज अदा करने के लिए केंद्रीय लोकसेवा आयोग की परीक्षा देने का तय किया. लगातार तीन वर्ष प्रयास कर सफलता पायी. आखिर अभीजीत ने जीत हासिल की. शेगांव का अभिजीत सरकटे यह विदर्भ का पहला आईएएस साबित हुआ. लगातार तीन वर्ष रोजाना आठ घंटे पढाई कर अभीजीत सरकटे ने केंद्रीय लोकसेवा आयोग की परीक्षा में सफलता हासिल की. पढाई पर ध्यान केंद्रीत कर जिद के जोर पर उन्होंने सफलता हासिल की. स्पर्धा परीक्षा देनेवाले विद्यार्थियों के लिए उनकी सफलता प्रेरणादायी है. अभीजीत के पिता विश्वनाथ सरकटे वाशिम जिले के रिसोड में राज्य परिवहन महामंडल में वाहक के रूप में कार्यरत है. मां. मिना सरकटे शेगांव पंचायत समिती अंतर्गत लासूरा के स्कूल में शिक्षिका है. अभिजीत ने अपनी पढाई शेगांव के हरलालका स्कूल व महाविद्यालयीन शिक्षा नगर पालिका महाविद्यालय में पूरी की. आगे की पढाई अमरावती के हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के अभियांत्रिकी महाविद्यालय में बीई की पढाई पूर्ण की. विद्यार्थी रहते समय ही अभिजीत की केंद्रीय लोकसेवा आयोग की परीक्षा देने की इच्छा थी. इसी दृष्टि से उसने निजी क्लास में स्पर्धा परीक्षा का मार्गदर्शन लिया. क्लास के दौरान रोजाना आठ घंटे पढाई कर स्पर्धा परीक्षा की तैयारी की. असफल होने के बाद भी केंद्रीय लोकसेवा आयोग की परीक्षा देने की जिद कायम थी. पूरे समय पढाई पर ध्यान केंद्रीत किया. २०१९ की केंद्रीय लोकसेवा आयोग की परीक्षा में ७१० वें क्रमांक पर पास होकर अभीजीत ने अपने सपने को पूरा किया.

* नौकरी न करने का निर्णय उचित रहा
जिद, परिश्रम, लगातार पढाई के कारण सफलता मिली है. लगातार तीन वर्ष पढाई की. नौेकरी न करने का निर्णय उचित साबित हुआ. स्पर्धा परीक्षा के लिए लगातार जिद कायम रखने से निश्चित ही सफलता मिलती है. – अभीजीत सरकटे

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