विदर्भ

राज्य के मध्यान्ह भोजन पर बचत गटों का अधिकार अमान्य

न्यायालय ने बचत गट की याचिका खारिज की

औंरगाबाद / दि.8– शाला स्तर पर मध्यान्ह आहार भोजन योजना में बचत गटों के अधिकार को न्यायालय व्दारा अमान्य कर दिया गया और इस योजना अंतर्गत चावल सहित साहित्यों की आपूर्ति का काम बचत गट को दिया जाए ऐसी विनती वाली याचिका हाईकोर्ट व्दारा खारिज कर दी गई. न्यायमूर्ति रविंद्र घुगे तथा न्यायमूर्ति एस.जी. दिगे की खंडपीठ के समक्ष गुरुवार को इस मामले में सुनवाई हुई.
धुलिया-नंदुरबार स्थित इंदिरा महिला सहकारी गृह संस्था के बचत गुट व्दारा न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी. अन्न सुरक्षा कानून अनुसार शालाओं में विद्यार्थियों को खिचडी का वितरण किया जाता है. जिसके लिए साहित्य की आपूर्ति विशिष्ट ठेकेदारों के मार्फत की जाती है. जिसमें जिलास्तर पर निविदा निकाली जाती है. इस यंत्रणा का विकेंद्रीकरण कर तहसील स्तर पर बचत गुटों को साहित्य के आपूर्ति का काम दिया जाए ऐसी विनती की याचिका दाखिल की गई थी जिसे खारिज कर दिया गया.

बचत गुटो के पास यंत्रणा नहीं
याचिका की सुनवाई के दौरान विशेष सरकारी वकील सिद्धेश्वर ठोबंरे ने मध्यान्ह आहार योजना अंतर्गत आपूर्ति को लेकर कहा कि, छोटे बचत गुटो के पास आवश्यक यंत्रणा नहीं है. साहित्य आपूर्ति के लिए बडे-बडे वाहनों की आवश्यकता होती है और इसमें मानव संसाधन की भी आवश्यकता होती है, छोटे-छोटे बचतगट सक्षम नहीं है ऐसा उन्होंने सुनवाई के दौरान कहा. उसके पश्चात न्यायालय की खंडपीठ ने याचिका खारिज कर दी.

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