परतवाडा/दि.05– गत 4 वर्षो से बंद पडे अचलपुर के एकमात्र बडे उद्यम फिनले मिल के श्रमिक भूखों मरने की नौबत है. केंद्र के बजट में इस बार भी मिल के संदर्भ में कोई प्रावधान नहीं किया गया है. जिससे मिल का मुद्दा अधर में बताया जा रहा है. इधर राजनेताओं ने मिल शुरु करने प्रयत्न करने का दावा किया है. भाजपा के लीडर तो दो-चार बैठकें हो जाने का दावा कर कह रहे हैं कि शीघ्र मिल शुरु हो सकती है. वहीं सत्ता पक्ष का साथ देने के बावजूद कुछ जनप्रतिनिधियों का कहना है कि लोकसभा के प्रतिनिधि को मिल शुरु करने का प्रयत्न करना अपेक्षित है.
* कोरोनाकाल से बंद
लॉकडाउन और कच्चा माल उपलब्ध न होने की वजह बताकर करीब 4 साल पहले फिनले मिल बंद कर दी गई. जिससे सैकडों श्रमिक बेरोजगार हो गए. उनके और परिवारों के उदर निर्वाह का गंभीर मुद्दा खडा हो गया. कुछ कामगारों ने मिले वह कार्य कर कोशिश की. वहीं कुछ ने आत्महत्या तक कदम उठा लिया. जिससे मिल के दोबारा शुरु करने का मुद्दा आगे बढा. कई लोगों ने इसके लिए आवाज उठाई है.
* क्या कहते हैं कामगार
गिरणी कामगार संघ के दिनेश उघडे ने कहा कि मिल बंद होने से सैकडों श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं. उन्हें बजट में कोई प्रावधान न होने से निराशा हुई है. केंद्र स्तर पर प्रयत्न होने चाहिए. वहीं उपाध्यक्ष धनंजय लव्हाले ने दावा किया कि मिल बंद होने से कामगारों पर भूखों मरने की हालत आ गई. निराशा में 12 श्रमिकों की मृत्यु हो गई. लव्हाले ने मांग की कि या तो मिल शुरु की जाए अथवा हमें उद्योग के लिए फंड दें.
* राजकुमार पटेल का कहना
मेलघाट के विधायक राजकुमार पटेल ने कहा कि मिल केंद्र सरकार अधीन है. इसलिए लोकसभा प्रतिनिधि को मिल का विषय उठाना चाहिए. इसे दोबारा शुरु करना सभी के हित में रहेगा.
* भाजपा महासचिव कोल्हे का दावा
भाजपा प्रदेश महासचिव गजानन कोल्हे ने दावा किया कि मिल के बारे में केंद्र की भूमिका सकारात्मक है. दीर्घकाल तक मिल कैसे शुरु रहेगी और यहां के कामगारों को पूर्ववत रोजगार कैसे कायम रहेगा, इस पर विचार कर निर्णय होने की अपेक्षा है. पालकमंत्री चंद्रकांत दादा पाटिल से उन्होंने चर्चा की है. वरिष्ठ स्तर पर फालोअप लिया जा रहा है.