विदर्भ

जि.प. शाला में 33 वर्षों बाद सभी शालेय मित्र एक साथ आए

शालेय जीवन की यादें की ताजा

चांदूर रेल्वे/दि.24 – यहां की जि.प. शाला में करीबन 33 वर्षों बाद सभी शालेय मित्र एक साथ आए. इस समय शालेय जीवन की यादें ताजा की गई व तत्कालीन शिक्षकों का सत्कार कर कृतज्ञता व्यक्त की गई.
यहां की जिला परिषद हाइस्कूल में 1984 से 1988 इस कालावधि में पांचवीं से दसवीं कक्षा तक साथ में शिक्षा ग्रहण करने वाले अलग- अलग क्षेत्र में, उच्च शिक्षा के लिए विदेश गये तो कुछ व्यवसाय में, नौकरी में सक्रिय हुए.
इन सभी मित्रों को एक साथ लाने का निर्णय कर डॉ. दिनेश ठाकरे ने उन्हें पुराने मित्र शिक्षक देवेन्द्र खैर को बताया. और मोबाइल नंबर जमा करने की शुरुआत की. पश्चात एक वॉट्सअ‍ॅप ग्रुप बनाया. इस काम के लिए मुकेश सूर्यवंशी, असलम शहा व अन्यों ने उन्हें मदद की. जिसके अनुसार तीन दिवसीय दिल दोस्ती दोबारा-88 यह गेट टू गेदर कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस समय विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए. पश्चात सभी ने स्कूल में आकर पुरानी यादें ताजा की. इसके बाद शिक्षा कार्यकाल में जिन शिक्षकों ने मार्गदर्शन किया,ऐसे आगरकर, हांडे, दुबे, कुंभारे,तेरसे,चोरे,सोरगिवकर, चोहटकर इन शिक्षकों को निमंत्रित कर उनका सत्कार किया गया.
कार्यक्रम को सफल बनाने अतुल गुल्हाने, अविनाश टाकले, प्रसाद वानखडे, राजेश चौधरी, अजिज पठान, मनोज शिंदे, प्रवीण देशमुख, प्रशांत कातकिडे, देवानंद जोल्हे, नंदू लंगडे, मनोज मिसाल, प्रफुल्ल वर्‍हाडे,रजेसिंग जाधव,प्रेमसिंग जाधव,असलम शहा,अनिरुद्ध खडसे, नरेन्द्र मेश्राम, रुपाली जगताप, रंजना ठाकरे, अर्चना खंडार, ज्योती देशमुख,सुरेखा अर्जापुरे,वनिता गोठाणे,मनीषा आळसी,मनीता सुराना,प्रज्ञा अमीन,संगीता जावरकर, संजय बाबर, मिलिंद शेंडे, नंदू गुजर,उज्जवल सोनोने,संजय डोंगरे,नंदू अडसड,विजय चव्हाण, अरुण शेंद्रे आदि ने परिश्रम किया.

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