फेसबुक फ्रेंड होने के बाद किशोरी सुरत से नागपुर पहुंची
घर से आभूषण लेकर भागी किशोरी को रेलवे पुलिस ने लिया कब्जे में
नागपुर /दि. 7– लडकियों के लिए सोलहवां वर्ष काफी नाजूक रहता है, ऐसा कहा जाता है. गुजरात के सुरत शहर के धनाढ्य घर की एक 16 वर्षीय किशोरी को चंद्रपुर जिले के फेसबुक फ्रेंड पर प्यार हो गया. उसके लिए वह कोई भी विचार न करते हुए घर में जितने सोने के आभूषण मिले वह बैग में भरकर सुरत से सीधे नागपुर पहुंच गई. लेकिन संबंधित युवक उसे दिखाई नहीं दिया. इस कारण वह बौखला गई. ऐसे में उसे दो समझदार ऑटो रिक्शावाले मिले और उन्होंने उसे रेलवे पुलिस के हवाले सकुशल कर दिया.
जानकारी के मुताबिक सपना (काल्पनिक नाम) बडे घर की बेटी है. वह महंगे मोबाइल से ऑनलाइन विश्व देखने लगी. ऐसे में चंद्रपुर जिले के एक युवक से उसकी फेसबुक पर पहचान हुई. वह उसके प्यार में पड गई. वह आगे का सपना देखने लगी और मौका देखकर शुक्रवार को उसने अपनी बैग भरी और घर में मिले उतने सोने के आभूषण बैग में डालकर सीधे अहमदाबाद एक्सप्रेस में बैठ गई. शनिवार की शाम नागपुर स्टेशन पर पहुंचने के बाद उसी नजर इधर-उधर होने लगी. प्लेटफॉर्म पर हजारों की भीड में उसे अपना प्रेमी खोजना था. क्योंकि, पहले हुई बातचीत के मुताबिक वह उसे रेलवे स्टेशन पर मिलनेवाला था. भीड कम हो गई और गाडी भी चली गई. लेकिन वह कहीं दिखाई नहीं दिया. आखिर में वह प्लेटफॉर्म नं. 6 के पास के एफओबी के पास आकर खडी हो गई. कदाचित उसके पास के पैसे समाप्त हो गए थे. वह ऑटो रिक्शा के पास पहुंची. मो. शहजाद अब्दुल कलाम (20) और बादल सूर्यभान बावने (32) के साथ उसकी बातचीत शुरु हो गई. हमारे पास सोने के आभूषण है, उसे बेचना है, ऐसा वह कहने लगी. उसके साथ दूसरा कोई नहीं था. इस कारण शहजाद और बादल के ध्यान में जो आना था वह आ गया. दोनों ने मौका देकर रेलवे पुलिस को फोन कर इस संदेहास्पद घटनाक्रम की और युवती की जानकारी दी. जानकारी मिलते ही जीआरपी के थानेदार गौरव गावंडे अपनी साथियों के साथ वहां पहुंचे. उन्होंने महिला पुलिस की सहायता से नाबालिग सपना को कब्जे में लिया और उससे पूछताछ की. ज्यादा कुछ न बोलते देख उसके बैग में रही डायरी में मिले पालक के मोबाइल नंबर से संपर्क किया. वह शुक्रवार से गायब है. गुजरात पुलिस के पास अपहरण का मामला दर्ज रहने की बात स्पष्ट हुई.
* अन्यथा कुछ भी होता?
शहजाद और बादल ने समझदारी दिखाई. इस कारण सपना बच गई अन्यथा परप्रांत की अकेली युवती सोने के आभूषण साथ लिए हुए है, यह पता चलते ही कोई भी कुछ भी कर सकता था और बडा अनर्थ भी हो सकता था. लेकिन शहजाद और बादल की सतर्कता के कारण सपना सकुशल रही.