विदर्भ

कोरोना संक्रमण से मुक्त होने के बाद बदल दें अपना टूथब्रश व टंग क्लीनर

पुराना इस्तेमाल करने से हो सकते हैं दोबारा संक्रमित

नागपुर/दि.10 – कोरोना महामारी से मुक्त होने के बाद थोड़ी सी भी लापरवाही भारी पड़ सकती है. इससे बचने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन और सरकार ने अनेक दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इन्हीं सावधानियों में टूथब्रश बदलने का भी सुझाव है. शहर के दंत विशेषज्ञों ने संक्रमण से मुक्त हो चुके लोगों को अपना टूथब्रश बदलने पर जोर दिया है अन्यथा उनके साथ पूरे परिवार को संक्रमण का खतरा हो सकता है.
दंत विशेषज्ञों के अनुसार एक बार संक्रमित होकर मुक्त होने का अर्थ यह नहीं कि दोबारा संक्रमित नहीं होंगे. इसलिए कुछ सावधानियां बरतने की जरुरत है. सब से पहले अपना टूथब्रश और टंग क्लीनर बदल देना चाहिए. क्योंकि इसमें वायरस छिपे होने की संभावना रहती है. मेटल के टंग क्लीनर को उबलते पानी में कुछ समय डालकर दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन प्लास्टिक के टंग क्लीनर को फेंक देना चाहिए अन्यथा इससे परिवार के अन्य सदस्यों के संक्रमण को खतरा बढ़ जाता है.

एक ही बाथरुम होने से अधिक समस्या

जो संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं वे कुछ दिनों तक वॉशरुम में सबसे साथ अपना टूथब्रश और टंग क्लीनर न रखे. यदि संक्रमित व्यक्ति ने इस वॉशरुम का उपयोग किया हो तो उसे सैनिटाइज करना जरुरी हो जाता है. संक्रमित व्यक्ति के परिजन माउथवॉश और बीटाडीन से या गर्म पानी में नमक डालकर कुल्ला और गलाला करें. संक्रमित व्यक्ति व व्दारा वॉशरुम, टूथ ब्रश और टंग क्लीनर रखने की जगह को कई बार छुआ जा सकता है.

नया टूथ ब्रश इस्तेमाल करें

कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुका व्यक्ति दोबारा संक्रमित हो सकता है, इसलिए उसे अपना टूथब्रश व टंग क्लीनर बदल देना चाहिए. उनके स्थान पर नया टूथ ब्रश व टंग क्लीनर का उपयोग करना चाहिए. दूसरी सावधानी यह बरतनी चाहिए कि पूरे परिवार के टूथब्रश व टंग क्लीनर के साथ संक्रमित का टूथ ब्रश व टंग क्लीनर न रखा जाये.
– डॉ. निखिलेश निलावार, दंत रोग विशेषज्ञ

उबलते पानी में साफ करें

यदि संक्रमण से मुक्त हो चुका व्यक्ति अपनी पुरानी सामग्री उपयोग करना चाहता है तो उसे गर्म पानी में साफ करने के बाद ही उपयोग करना चाहिए. हमारे शरीर में वायरस या बैक्टिरिया मुंह से ही प्रवेश करता है. टूथब्रश व टंग क्लीनर को मुंह में डालकर ही सफाई की जाती है. ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है. इसलिए सावधानी जरुरी है.
– डॉ. गिरीश छाबलानी, दंत रोग विशेषज्ञ

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