विदर्भ

किराया बढने के बाद यात्रियों ने एसटी से मोडा मुख

40 हजार यात्री हुए कम, राजस्व पर असर

नागपुर /दि.22– एसटी महामंडल के संकट खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे है. पहले से घाटे में चलनेवाली बसों के किराया वृद्धि के बाद यात्री कम हो गए है. लगभग 40 हजार यात्रियों ने एसटी से मुख मोड लिया है. फरवरी माह में यह आंकडा 50 हजार तक पहुंच गया था. इससे एसटी महामंडल को राजस्व का नुकसान हो रहा है.

* यात्रियों की जेब पर बोझ
एसटी महामंडल ने 25 जनवरी को किराए में वृद्धि की थी. उसके बाद यात्रियों की जेब पर बोझ बढने लगा. इससे यात्री अन्य साधनों का सहारा लेने लगे. नागपुर विभाग में गणेशपेठ, वर्धमान नगर, मोक्षधाम और डालडा कंपनी रोड डिपो है. वहीं ग्रामीण में काटोल, सावनेर, उमरेड व रामटेक डिपो है. इन डिपो से रोजाना सफर करनेवाले यात्रियों की संख्या औसतन 1 लाख 50 हजार तक आंकी गई है. इससे एसटी महामंडल को रोजाना 51 लाख से ज्यादा कमाई होती है. अब किराया बढने के बाद यात्रियों की संख्या कम हो गई है. किराया बढने के पहले 20 जनवरी को नागपुर विभाग से 1 लाख 42 हजार 447 यात्रियों ने सफर किया था. किराया बढने के बाद फरवरी माह की इसी तारीख को केवल 91 हजार यात्रियों ने ही सफर किया. जिससे 47 लाख रुपए की ही कमाई एसटी महामंडल कर सका है. उसके बाद मार्च माह की 20 तारीख का डाटा देखे तो एक लाख यात्री ही बसों तक पहुंचे है. जिससे 45 लाख से थोडी ज्यादा कमाई एसटी महामंडल कर सका है.

* 15 प्रतिशत बढा किराया
लंबे समय से किराया नहीं बढाने से एसटी महामंडल की बसे बहुत ज्यादा घाटे में चल रही थी, ऐसे में 24 जनवरी की रात से टिकट के दामों में 15 प्रतिशत वृद्धि कर दी गई थी. टिकट बढते ही इसका असर यात्रियों की संख्या पर दिखाई देने लगा है.

* हिंसा का असर भी पडा यात्रियों पर
नागपुर में दो गुटों में हुई हिंसा का असर भी एसटी महामंडल की बसों पर देखने को मिला है. 17 मार्च को हिंसा होने के बाद दूसरे दिन से शहर के कई इलाको में कर्फ्यू लगाया गया था.

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