जीएसटी चोरी रोकने के लिए ‘एआई’ का किया जाएगा इस्तेमाल
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दी विधान परिषद में जानकारी
नागपुर /दि. 21– राज्य में जीएसटी संकलन में लगातार वृद्धि हो रही है. पिछले साल 2.50 लाख करोड रुपए का जीएसटी शासन की तिजोरी में जमा हुआ था. जीएसटी चोरी रोकना सरकार के सामने आव्हानात्मक है. ऐसी परिस्थिति में जीएसटी चोरी पर नियंत्रण रखने अब आर्टीफिशियल इंटेलिजन्स (एआई) का इस्तेमाल किए जाने की जानकारी राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को विधान परिषद में देते हुए महाराष्ट्र मूल्यवर्धित कर (सुधार एवं मंजूरी) विधेयक रखा. जिस पर चर्चा के बाद मंजूर दे दी गई.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सदन को बताया कि, अपने देश ने ‘एक देश एक कर’ इस संकल्पना को स्वीकार किया है. उसी के माध्यम से ‘जीएसटी’ टैक्स प्रणाली विकसित की गई है. ‘एआई’ इस तकनीकी पर अमल करनेवाला महाराष्ट्र देश में पहला राज्य है. अब अन्य राज्यों ने भी इस पर अमल करने की शुरुआत कर दी है. राज्य सरकार जीएसटी इंटेलिजन्स पर काम कर रही है. आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा गलतियां खोजी जा सकती है. अन्य माध्यमों से उत्पादन बढाने के लिए एक उच्चस्तरिय समिति भी स्थापित किए जाने की बात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने की है.
* एक लाख करोड का जीएसटी बकाया
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सदन में रखे गए विधेयक पर चर्चा में शरद पवार गुट के वरिष्ठ सदस्य एकनाथ खडसे और शशीकांत शिंदे द्वारा किए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि, क्लब, संस्थाओं के सदस्यों द्वारा खरीदी की गई वस्तुओं पर प्रथम शुल्क, खुदरा बिक्री और जीएसटी, वैट आकारे जाने की व्याख्या बदलने के लिए इस विधेयक में आवश्यक दुरुस्तीयां की जा रही है. वहीं एकनाथ खडसे के मुद्दे का समर्थन करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने सदन को बताया कि, एक लाख करोड का टैक्स बकाया है, यह सच है. पिछले 10 साल में टैक्स को लेकर समस्या का निवाकरण करने अभयदान जैसी विविध योजना लाई गई है और बकाया कर की वसूली शुरु है. उत्पन्न वृद्धि सहित सभागृह में आई सभी सुचनाओं पर आवश्यक कदम उठाए जाने का प्रयास किया जाएगा, ऐसा मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा और अंत में विधेयक सर्वसम्मति से मंजूर किया गया.