चांदुर बाजार /दि.28– हिंदुओं का नवरात्रोत्सव तथा मुस्लिम समुदाय का पवित्र रमजान माह एक साथ प्रारंभ हुआ है. नवरात्रि में उपवास को जिस तरह हिंदू धर्म में महत्व है उसी तरह रमजान माह के उपवास को मुस्लिम समुदाय में महत्व है. इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से प्रारंभ हुई है और 30 मार्च को समाप्त होगी. 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया है. वहीं उसी दिन रमजान माह पूर्ण होने के कारण चंद्रदर्शन के बाद ईद मनाई जाएगी. इसे हिंदू-मुस्लिम धार्मिक एकता का योगायोग ही कहा जाएगा.
नवरात्रि के उपवास वर्ष में दो बार आते है. एक चैत्र नवरात्रि और दूसरा अक्तूबर की अश्विन शुद्ध तृतीया से शुरु होने वाला नवरात्रोत्सव. पहली नवरात्रि की समाप्ती रामनवमी पर तथा दूसरी नवरात्रि की समाप्ती विजयादशमी को होती है. नवरात्रि के उपवास भी कडे रहते है. कुछ श्रद्धालु निर्जल तथा कुछ 24 घंटे में एक बार की छाछ अथवा दुध का सेवन कर उपवास करते है. मुस्लिम समुदाय के पवित्र रमजान माह के उपवास को भी काफी महत्व है. इन उपवास का शुक्रवार से प्रारंभ हुआ है. इसी को रमजान को अथवा बरकत को माह कहा जाता है. एक दूसरे के मन की दूरी कम कर परस्पर स्नेहभाव, सद्भाव बढाने वाला यह महीना त्याग, संयम, शांति, सहिष्णुता, ईमानदारी, मनुष्य के स्वभाव में रोपित करने वाला यह माह माना जाता है. मनुष्य को बुराई और वासना से दूर रखने वाला यह महीना है. इस माह में इस्लाम में दान-धर्म का महत्व बताया है. जिसके कारण इस माह की समाप्ती के बाद आनेवाली ईद को ‘ईद-उल-फित्र’ भी कहा जाता है. रमजान माह में ही इस्लाम के पवित्र ग्रंथ ‘कुरान’ अवतरित हुई, ऐसी मुस्लिम बंधुओं की आस्था है. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार रमजान यह 9वां महिना है. इस कैलेंडर में कुल 12 महीने होते है. यह गणना चंद्र पर आधारित होने के कारण हर माह 29 अथवा 30 दिनों का होता है. इस कारण प्रतिवर्ष रमजान माह कुछ दिन पूर्व शुरु होता है. इस माह में काफी उत्साह दिखाई देता है. शाम को बाजार में खाद्य पदार्थ, फल, मेवा आदि खरीदी के लिए भारी भीड दिखाई देती है. इस माह में फल, सूखा मेवा, खजूर आदि पदार्थो की भारी मांग होती है. इसी तरह इत्र व धार्मिक साहित्य की भारी मात्रा में बिक्री होती है. इस माह में मुस्लिम समाज में छोटे से लेकर बडे तक रोजा व उपासना करते हैं. यदि निश्चित तिथि को चंद्र दिखाई दिया तो 22 अप्रैल को रमजान ईद मनाई जाएगी. इसी दिन हिंदूओं का साढे तीन मुहूर्त में से एक रहनेवाला अक्षय तृतीया पर्व है. इस दिन किए गए दान के पुण्यकर्म का हिंदू धर्म में काफी महत्व है.
* उपवास की कालावधि एक घंटा कम हुई
पिछले वर्ष की तुलना में रमजान माह में इस वर्ष उपवास की कालावधि एक घंटे में कम हुई है. यह घट वर्षो से होती है तथा इस अवसर पर मुकद्दस रमजान का सबसे बडा उपवास 13 घंटे 37 मिनट का होगा. पिछले वर्ष यह उपवास 14 घंटे 30 मिनट का था. रोजा रखनेवाले पवित्र रमजान की आतुरता से प्रतिक्षा करते है. मुस्लिम परिवार में उत्साह के साथ रमजान की तैयारी की जाती है.