विदर्भ

सभी संयंत्र १५ जून तक पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन करें

केंद्र सरकार ने जारी किया निर्देश, बिजली की मांग २५ हजार मेगावॉट के करीब

नागपुर /दि. २४– तापमान के बढ़ने के साथ ही प्रदेश में बिजली की मांग भी बढ़ोत्तरी पर है. इस बीच महावितरण के क्षेत्र में बिजली की मांग २४८५५ मेगावॉट पर पहुंच गई. दावा है कि एक-दो दिनों में मांग २५ हजार मेगावॉट के चरण को पार कर लेगी. इस बीच केंद्र सरकार ने बढ़ती मांग के मद्देनजर सभी बिजली संयंत्रों को १५ जून तक पूरी क्षमता से उत्पादन करने का निर्देश जारी किया है. प्रदेश में बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है, कोविड संकट से पहले फरवरी में सर्वाधिक मांग २०२० में २१९७० मेगावॉट दर्ज हुई थी. लॉकडाउन के दौर में सर्वाधिक मांग १६६९० मेगावॉट दर्ज हुई कोविड का प्रभाव समाप्त होने के बाद से बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है. २०२१-२२ में सर्वाधिक २४२१९ मेगावॉट की आपूर्ति महावितरण ने की थी. इस आर्थिक वर्ष में अप्रैल २२ में २४६८८ मेगावॉट मांग दर्ज हुई. बरसात में मांग गिर कर १९१५७ मेगावॉट हो गई. लेकिन इसके बाद से मांग लगातार बढ़ रही है. जनवरी २३ के अंत में २४७५० मेगावॉट बिजली की रिकॉर्ड आपूर्ति दर्ज हुई. अब फरवरी में २४८५५ मेगावॉट की मांग दर्ज हुई है. महावितरण का आकलन है कि गर्मी तेज होने से मांग में और इजाफा होगा. उधर केंद्र सरकार ने १५ जून तक पूरी क्षमता से उत्पादन करने के निर्देश दिए हैं. विदेशी कोयला का उपयोग करने वाले संयंत्रों से कहा है कि वे अधिक मांग को पूरा करने के लिए अधिक कोयला हासिल करें. ६ प्रतिशत विदेशी कोयला उपयोग करने को कहा गया है.
* पांच बिजली यूनिटें बंद
केंद्र सरकार के निर्देशों के विपरीत प्रदेश के बिजली संयंत्र पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन नहीं कर रहे हैं. प्रदेश की पांच यूनिटें बंद है. इनमें चंद्रपुर की यूनिट क्रमांक ५ एवं ७, खापरखेडा की यूनिट क्रमांक १, नासिक की यूनिट क्रमांक ४ और परली की यूनिट क्रमांक ६ शामिल हैं. कहा जा रहा है कि इस वर्ष रिकॉर्ड मांग दर्ज हो सकती है. अगर संयंत्रों ने अपेक्षाकृत उत्पादन नहीं किया तो गर्मियों में बिजली संकट के दौर से गुजरना पड़ सकता है.

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