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गुणवत्ता के आधार पर भर्ती
नागपुर प्रतिनिधि/दि.२१ – कानून में खुला प्रवर्ग नाम से आरक्षण नहीं दिया गया हैे खुली जगह का लाभ किसी भी समाज का उम्मीदवार ले सकता है. नौकरी के पद रहने पर इस पर सभी समाज के उम्मीदवारों में से गुणवत्ता के आधार पर नियुक्ति करने के आदेश मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ के न्यायाधीश सुनील शुक्रे व रोहित देव ने हाल ही में एक मामले में दिए है. खुले प्रवर्ग के पद भरते समय सामाजिक प्रवर्ग और जाति का विचार नहीं किया जाता है. संबंधित पद केवल गुणवत्ता के आधार पर भरने पड़ते है. कानूनी पध्दति के अनुसार सबसे पहले ओपन सीटे भरी जानी चाहिए. इन सीटों पर सामाजिक आरक्षण के उम्मीदवारों का चयन होने पर उनके सामाजिक आरक्षण सीट का विचार नहीं किया जाता. सामाजिक आरक्षण की सीटे शेष उम्मीदवारों में से गुणवत्ता के अनुसार भरे जाते है. यह न्यायालय ने निर्णय में एनडीटी प्रवर्ग की शांताबाई डोईफोडे को गुणवत्ता सूची में दूसरे स्थान पर होने पर भी महिलाओं के लिए आरक्षित खुले प्रवर्ग के पद पर प्रिटिंग एण्ड स्टेशनरी विभाग के असिस्टंट बाइंडर पद पर नियुक्ति नहीं दी गई थी. इसलिए उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. उच्च न्यायालय में याचिका पर सुनवाई करते समय आरक्षण के संदर्भ में कानूनी पहलूओं को स्पष्ट किया. इसके अलावा शांताबाई को खुले प्रवर्ग में नियुक्ति देने का आदेश दिया. शांताबाई की ओर से एड. मोहन सुदामे व एड. अक्षय सुदामे ने काम संभाला.