विदर्भ

दोहरे हत्याकांड के सभी आरोपी बाईज्जत बरी

वैज्ञानिक जांच व अन्य सबूतों के आधार पर पुलिस ने की थी कार्रवाई

वर्धा/ दि. 1- यहां के जिला व सत्र न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी सचिन बोबडे, मयुर कुंतल, अभिषेक दंडमल, सुभाष पाचारे (सभी देवरी, वर्धा) को हत्या करने, अनुसूचित जाति जमाति अत्याचार प्रतिबंध अधिनियम के आरोपों से बाईज्जत बरी कर दिया है. दोषारोपपत्र के अनुसार 19 मार्च 2020 को मृतक जनाबाई राउत, उसका पुत्र मृतक सुरेश राउत दोनों की उनके खेत में लाश दिखाई दी. उनके शरीर पर हथियारों के जख्मों के निशान थे. यह पता चलते ही जनाबाई के दूसरे पुत्र शिकायतकर्ता राजेंद्र राउत ने पुलिस थाने में उसकी मां और भाई की हत्या किये जाने की शिकायत दी. तफ्तिश के दौरान सभी आरोपियों ने मिलकर दोनों मां, बेटे की हत्या कर डाली. यह स्पष्ट होते ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. मरने वाले दोनों अनुसूूचित जाति के होने के कारण अनुसूचित जाति, जमाति अत्याचार प्रतिबंधक अधिनियम तथा धारा 302, 201, 34 के तहत अपराध दर्ज कर दोषारोपपत्र अदालत में दायर किया गया.
तहकीकात के दौरान महत्वपूर्ण सबूत जिसमें फाँरेंसिक सैम्पल, फिंगर प्रिंट, स्वान पथक, टायर के निशान जैेसे वैज्ञानिक जांच के सैम्पल इकट्ठा किये गए थे. सभी सबूत आरोपियों के खिलाफ होने की पुष्टी की गई. मुख्य आरोपियों कोे जमानत नहीं दी गई थी. आरोपियों की कैद में रहते हुए अदालत के समक्ष मुकदमे की सुनवाई हुई थी. सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष की ओर से अदालत में 17 गवाहों के बयान दर्ज किये गए. सरकारी पक्ष ने अपनी बात साबित करने के लिए कई अहम मुद्दे अदालत के सामने रखे. आरोपियों के मोबाइल लोकेशन, सीडीआर, घटनास्थल से बरामद सामग्री, मृतक की क्षतिग्रस्त सामग्री भी शामिल थे. जिससे यह साबित होता है कि, आरोपियों ने षडयंत्र रचकर दोनों को मौत के घाट उतारा है.
मुख्य आरोपी सचिन की ओर से एड.मिर्जा वसीम ने पैरवी करते हुए अदालत को बताया कि, सरकारी पक्ष अपनी बात को साबित करने में असफल रहा है. जांच व सरकारी सबूतों में कई तरह की कानूनी त्रुटियां है. इस वजह से आरोपियों को अपराधी नहीं ठहराया जा सकता. आरोपियों के बचाव में सर्वोच्च व उच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों को अदालत के समक्ष रखा गया. दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद अदालत ने इस दोहरे हत्याकांड के अपराध से बाईज्जत बरी कर दिया. इस मामले में एड. मिर्जा वसीम को एड. मिर्जा परवेज, एड. आशिष चौबे ने सहयोग किया. अन्य आरोपियों की ओर से एड. परमानंद टावरी ने दलीले पेश की.

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