विदर्भ

लॉकडाउन के साथ ही अब लोडशेडिंग का भी खतरा

1800 करोड का भुगतान है बकाया

  • रोजाना 1.30 टन कोयले की है जरूरत

  • आवक केवल 50 हजार टन की

  • कोविड के साथ ही अब बिजली का भी संकट

नागपुर/दि.15 – कोविड संक्रमण का सामना कर रहे महाराष्ट्र के समक्ष अब विद्युत आपूर्ति का सुचारू रखने का भी संकट आन पडा है. राज्य के सभी विद्युत निर्मिती केंद्रों में कोयले का स्टॉक लगभग खत्म हो रहा है और यदि एक दिन भी कोयले की आपूर्ति प्रभावित होती है, तो विद्युत निर्मिती केंद्र बंद पड सकते है. फिलहाल ऐसी स्थिति है. ऐसे में लॉकडाउन के साथ-साथ अब राज्य पर लोडशेडिंग का भी खतरा मंडरा रहा है.
उल्लेखनीय है कि, विगत वर्ष लगाये गये लॉकडाउन के बाद विद्युत कंपनियों की आर्थिक स्थिति बुरी तरह से गडबडा गयी है. ग्राहकों से विद्युत बिलों का भुगतान नहीं मिलने के चलते महावितरण द्वारा महाजेनको को भुगतान नहीं किया जा सका. ऐसे में कोयला कंपनियों का बकाया भुगतान 1800 करोड रूपयों तक जा पहुंचा है. जिसकी वजह से वेकोली सहित अन्य कोयला कंपनियों का कामकाज प्रभावित हुआ है. परिणामस्वरूप कोयला आपूर्ति की चेन बुरी तरह से प्रभावित हुई है. वहीं इस समय राज्य के 6 से 7 विद्युत केंद्रों में बडी मुश्किल से तीन दिन काम चलाने लायक कोयला उपलब्ध है और केवल चंद्रपुर केंद्र के पास ही सात दिनों का स्टॉक है. इसे बेहद संवेदनशिल स्थिति कहा जा सकता है.
महाजेनको के मुताबिक दो दिन पहले ही कोयला कंपनियों को 1800 करोड के बकाये में से 500 करोड का भुगतान किया गया है. फिर भी प्रतिमाह 700 से 800 करोड रूपयों का नया बिल तैयार हो जाता है. हालांकि इस दौरान राज्य के सभी विद्युत निर्मिती केंद्रोें को कम प्रमाण में कोयला आपूर्ति की जा रही है. इस समय रोजाना औसतन 1.30 लाख टन कोयले की मांग है. किंतु फिलहाल केवल 50 टन कोयले की ही आपूर्ति हो रही है. ऐसे में विद्युत निर्मिती केंद्र को चलाना बेहद मुश्किल काम साबित हो रहा है.

केंद्र से कर्ज मिलने हेतु राज्य की गारंटी आवश्यक

विद्युत कंपनियों को इस परिस्थिति से बाहर निकालने हेतु केंद्र सरकार ने कर्ज देने का आश्वासन दिया है, किंतु राज्य सरकार द्वारा यह कर्ज लिया नहीं गया. सूत्रों के मुताबिक इस कर्ज के लिए राज्य सरकार की ओर से गारंटी दिया जाना जरूरी होता है. इसे लेकर गुरूवार को उच्चस्तरीय समिती की एक बैठक होने की संभावना है. जिसके बाद उर्जा मंत्री नितीन राउत द्वारा मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के सामने पूरी स्थिति रखी जायेगी और सरकार से मदद मांगी जायेगी.

कोयला आपूर्ति नियमित रहेगी-वेकोली

इस दौरान वेकोली द्वारा यह मान्य किया गया है कि, कोयला आपूर्ति काफी हद तक प्रभावित हुई है. साथ ही यह भी कहा गया है कि, महाजेनको उनका सबसे बडा ग्राहक है. ऐसे में भले ही कुछ भुगतान बकाया है, किंतु कोयला आपूर्ति को रोका नहीं जायेगा. महाजेनको के मुताबिक दोनों कंपनियों के बीच संबंध अच्छे है. ऐसे में किसी तरह की कोई समस्या निर्माण नहीं होगी. लेकिन बारिश से पहले स्टॉक बढाना काफी कठीण हो गया है.

विद्युत केंद्र व उपलब्ध स्टॉक

खापरखेडा – 2 दिन
कोराडी – 3 दिन
चंद्रपुर – 7 दिन
भुसावल – 1 दिन
पारस – 2 दिन
परली – 1.5 दिन
नासिक – 2.5 दिन
(तीन दिन से कम के लिए स्टॉक रहने पर स्थिति को अति संवेदनशिल माना जाता है)

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