विदर्भ

भविष्य बनाने के लिए अमरावती गई थी अमिषा

परिवार समेत 40 लोगों से पूछताछ शुुरु

नागपुर/प्रतिनिधि दि.५ – वासना की आग में जलने वाले क्रुर आलोक ने जिस अमिषा के मोह में नरसंहार किया, उसे वह बेटी समझकर अच्छी स्कूल में प्रवेश दिलवाने के लिए अपने साथ अमरावती लेकर गया था. लडकी का भविष्य बनाने के लिए माता-पिता ने भी अपनी मर्जी से अमिषा को बेटी और दामाद को सौंप दिया था. अमिषा बडी होने के बाद आलोक ने रिश्ते को कालीक पोती. शोषण के साथ ही जीवन में हस्तक्षेप करने से अमिषा आलोक से दूर रहना चाहती थी. जिससे आलोक का गुस्सा अनावर हुआ. 15 दिनों से इस मामले की जांच करने वाली पुलिस ने अब तक परिजन व समीप के 40 लोगों के बयान दर्ज किये है.
20 जून की रात 45 वर्षीय आलोक माथुरकर ने पत्नी विजया (40),बेटा साहिल (12), बेटी परी (15), साली अमिषा बोबडे (21), सास लक्ष्मी बोबडे (55) की हत्या कर स्वयं फांसी लगा ली थी. 21 जून को सुबह पडोसियों को इस घटना की जानकारी मिली. अब तक जांच में आलोक की वासना ओर अमिषा को सबक सिखाने के उद्देश्य से नरबलि लेने की जानकारी सामने आ रही है. आलोक व उसकी पत्नी विजया एक गारमेंट्स कारखाने में काम करते थे. आलोक पैकिंग तथा विजया प्रेस करती थी. इस बीच उनमें प्रेम संबंध होने से उन्होंने विवाह किया. उस समय अमिषा केवल 4 से 5 वर्ष की थी. दोनों भी उसे बेटी समझकर प्रेम करते थे. बडी बहन का विवाह होने से अमिषा यह विजया के काफी नजदीक थी. व्यवसाय के चलते आलोक-विजया 8 वर्ष पहले अमरावती रहने गए. वहां आलोक ने अमरावती के तलेगांव में पत्नी के चचेरे भाई के साथ भागीदारी में गारमेट्स का कारखाना शुरु किया. उस समय अमिषा 8वीं में पढ रही थी.

  • होश में रहते समय की हत्याएं

आलोक ने पूरी तरह होश हवाश में रहते समय नरसंहार के इस प्रकरण को अंजाम दिया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. पुलिस को दो दिन पहले रिपोर्ट मिली है. जिसमें घटना के समय आलोक नशे में न रहने की बात स्पष्ट हुई है. साथ ही उसने हत्या के उद्देश्य से परिजनों को कोई भी बेहोशी की दवा नहीं दी, यह बात भी स्पष्ट हुई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पत्नी, बेटी, साली व सास के गले पर वार करने से और बेटी की गला घोटकर हत्या किये जाने की जानकारी सामने आयी है.

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