अमित ने हिमांक पर्वत को किया फतह

चार दिन में दुपहिया से 19 हजार 25 फूट की दूरी तय की

यवतमाल /दि.31– यवतमाल निवासी सीए अमित ढोरे नामक युवक ने लेह-लदाख स्थित हिमांक पर्वत को फतह करते हुए अपनी साहसिकता का उदाहरण पेश किया है. 19 हजार 24 फीट उंचे इस पर्वत पर चढने में अमित को चार दिन का समय लगा और इस दौरान अमित ढोरे ने बिना रुके इस पर्वत को फतह किया. इसके साथ ही अमित ढोरे हिमांक पर्वत पर पहुंचनेवाला यवतमाल का पहला राईडर बन गया.
बता दें कि, ट्रैकिंग व राईडिंग के लिए पूरे यवतमाल जिले में विख्यात रहनेवाले अमित ढोरे द्वारा विगत 10 वर्षों से बडी साहसिकता के साथ राईडिंग व ट्रैकिंग की जा रही है और उसने अब तक कई उंचे स्थानों पर राईडिंग की है. वहीं हिमांक पर्वत पर फतह करना अमित ढोरे के लिए सबसे बडी राईडिंग रही. इस समय अमित के साथ उनकी पत्नी तोषिता एवं देशभर से आए 20 राईडर्स की टीम थी. इस पर्वत पर पहुंचने हेतु लेह से बाइक पर यात्रा करते हुए 800 किमी की दूरी को अमित ने पार किया. इस दौरान साथ में एक अतिरिक्त वाहन की भी व्यवस्था रखी गई थी. हिमांक पर्वत को फतह करने के बाद अमित ढोरे को सम्मानपत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया.

* ऐसी है हिमांक की पहचान
हिमांक का मुख्यालय लेह-लदाख है और हिमांक पर्वत की उंचाई 19 हजार 24 फिट है. यह विश्व में सर्वाधिक उंचाई वाला स्थान है. यहां पर भारतीय रक्षा मंत्रालय अंतर्गत सीमा सडक संगठन यानि बीआरओ का प्रकल्प है. जो चीन के साथ प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर लदाख में वाहनों की आवाजाही हेतु सडकों के निर्माण व देखभाल का काम करने के लिए स्थापित किया गया है. इस प्रकल्प का मुख्य उद्देश सियाचीन ग्लेशीयर व पैंगोंग त्सो सरोवर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में स्थित सैन्य ठिकानों व चौकीयों तक सालभर सैनिकों एवं सैन्य वाहनों की आवाजाही को सुनिश्चित करना है. स्पिटुक, थिक्से और दुर्बोक जैसे क्षेत्रों में टास्क फोर्स सहित ब्रिगेडीयर रैंक के मुख्य अभियंता के नेतृत्व में यह प्रकल्प हिमांक परिसर में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने और भारतीय सीमा की सुरक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

Back to top button