* हाईकोर्ट ने दिया कानूनी फीस वसूली का हुक्म
नागपुर/दि.7 – बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने 60 वर्षीय कैदी का फरलो आवेदन कोर्ट के आदेश के बावजूद ठुकराने के कारण अमरावती जेल के अधीक्षक को कानूनी फीस का जुर्माना किया है. एक माह के अंदर फरियादी के वकील को फीस और मुकदमे के खर्च की राशि देने का आदेश न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे और न्यायमूर्ति मनोहर चांदवाणी की खंडपीठ ने दिया है.
* दिल्ली विस्फोट का मुजरीम
दिल्ली की जामा मस्जिद में 1997-98 में हुए श्रृंखला बम विस्फोट प्रकरण के मुजरीम मोहम्मद चौहान को कोर्ट ने दोषी पाकर सजा सुनाई. मुजरीम को सुरक्षा कारणों से अमरावती जेल में शिफ्ट किया गया था. 60 साल के अभियुक्त ने फरलो के लिए अर्जी दी. उसकी अर्जी जेल अधीक्षक ने ठुकरा दी. तब अपने वकील के जरिए अभियुक्त ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई.
* पहले मिली 6 फरलो
अभियुक्त मोहम्मद चौहान को इससे पहले विविध कारणों पर 6 मर्तबा फरलो मिली. हर बार वह फरलो की अवधि पूरी होने पर जेल मेें सजा काटने लौट आया. खंडपीठ के ध्यान में आवेदक के वकील ने यह बात सप्रमाण ला दी. जिससे खंडपीठ ने नाराज होकर अमरावती के जेल अधीक्षक को फटकार लगाई और अभियुक्त के कानूनन खर्च की राशि का जुर्माना भरने का आदेश दिया व हाईकोर्ट ने जेल के पुणे स्थित महानिरीक्षक को हुक्म दिया है कि, 7 दिनों के अंदर आदेश का पालन होना चाहिए. उसी प्रकार आईजी जेल चाहे, तो अधीक्षक से यह राशि रिकवर भी कर सकती है.