* न्या. सानप ने कहा- परिवार को संभालने वाला कैसे करेगा बेटी पर रेप!
नागपुर /दि.24– बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने अमरावती न्यायालय के फैसले को पलटते हुए पुत्री पर अत्याचार के आरोपी को बरी कर दिया. न्या. गोविंद सानप की एकल पीठ ने यह प्रश्न उठाते हुए आरोपी को बरी करने का निर्णय सुनाया कि, पत्नी के दूसरे विवाह करने के बावजूद अकेले ही परिवार का पालन-पोषण करने वाला और सभी की चिंता करने वाला व्यक्ति अपनी ही पुत्री पर अत्याचार कैसे कर सकता है?
घटना मोर्शी की है आरोपी को पुत्री और पुत्र तथा माताजी है. उसकी पत्नी ने पुलिस शिकायत से 7 वर्ष पहले दूसरा विवाह कर लिया. उस समय आरोपी केवल 35 वर्ष का था. उसने दूसरा विवाह नहीं किया. संपूर्ण परिवार की जिम्मेदारी ली. इसी दौरान पुत्री को अपने प्रेमी से विवाह करना था. इस युवक को उसकी मां से संबंधित रिश्तेदारों ने मिलाया था. आरोपी पिता ने इस रिश्ते का विरोध किया. इसलिए पुत्री ने अपनी नानी के साथ षडयंत्र कर पिता के विरुद्ध रेप की शिकायत करने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता. इस प्रकार का मत हाईकोर्ट ने उपरोक्त मामले में व्यक्त किया है.
लडकी ने पुलिस शिकायत में आरोपी को शराब का व्यसन होने और उसने पुत्री पर कक्षा 3 री के समय से लगातार अत्याचार करने की शिकायत 19 जनवरी 2019 को पुलिस में दर्ज करवाई थी. जिसके बाद सत्र न्यायालय ने विगत 23 फरवरी 2021 को आरोपी को 10 वर्ष सश्रम कारावास और 5 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी. इस सजा को आरोपी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. उच्च न्यायालय ने सत्र न्यायालय का निर्णय खारिज कर दिया.