नागपुर/दि.30- अमरावती निवासी एक महिला ने अपने पास घनकचरा व्यवस्थापन प्रकल्प रहने का झांसा देते हुए कंपनी में आर्थिक भागीदारी का लालच देते हुए नागपुर निवासी एक व्यवसायिक के साथ 6 लाख रूपये की जालसाजी की. यह मामला धंतोली पुलिस थानांतर्गत घटित हुआ और अदालत के आदेश पर पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ अपराध दर्ज किया.
जानकारी के मुताबिक नागपुर के स्नेह नगर निवासी सतीश रेडपाडे (53) की अजनी परिसर के समर्थ नगर में इनोवेटिव बायोसायन्स नामक घनकचरा व्यवस्थापन कंपनी है. पांच वर्ष पहले घनकचरा व्यवस्थापन विषय पर अमरावती में एक बैठक हुई थी. जिसमें वे भी शामिल हुए थे. साथ ही साथ इस बैठक में कई व्यवसायी व सामाजिक कार्यकर्ता भी उपस्थित हुए थे. जिनमें अमरावती निवासी मीना देशमुख (50) भी शामिल थी. बैठक निपटने के बाद सतीश रेडपाडे व मीना देशमुख के बीच जान-पहचान हुई और इस समय हुई बातचीत में मीना देशमुख ने खुद को विजयालक्ष्मी कंपोस्ट एन्ड एग्रोनेवार कंपनी का मालिक बताया. साथ ही सतीश रेडपाडे के साथ घनकचरा व्यवस्थापन से संबंधित कामों को लेकर गहन चर्चा भी की. पश्चात वर्ष 2017 में मीना देशमुख अपने पति के साथ सतीश रेडपाडे के धंतोली स्थित कार्यालय में पहुंची और उन्होंने सतीश रेडपाडे को बताया कि, उनके पास अचलपुर में घनकचरा व्यवस्थापन का 30 लाख रूपयों का प्रकल्प है. साथ ही दोनों पति-पत्नी ने सतीश रेडपाडे को इस कंपनी में आर्थिक भागीदार बनने की पेशकश करते हुए 6 लाख रूपये देने की मांग की. जिस पर भरोसा करते हुए सतीश रेडपाडे ने कंपनी में आर्थिक भागीदार बनना स्वीकार किया और मीना देशमुख को 6 लाख रूपये भी दे दिये. लेकिन सतीश रेडपाडे को बाद में पता चला कि, मीना देशमुख ने उनके साथ आर्थिक जालसाजी की. जिसके चलते उन्होंने धंतोली पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करायी. परंतु पुलिस द्वारा इस मामले में कोई कारगर कदम नहीं उठाये गये. ऐसे में उन्होंने अदालत में गुहार लगायी, तब कहीं जाकर अदालत के निर्देश पर धंतोली पुलिस ने मीना देशमुख के खिलाफ धोखाधडी व जालसाजी का मामला दर्ज किया.