अनिल देशमुख को ईडी जांच के पहले ही मिल गए थे संकेत
विविध जांच को लेकर चर्चा में रहे हैं विदर्भ के नेता
नागपुर/दि.13 – पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की ईडी अर्थात प्रवर्तन निदेशालय जांच के मामले को लेकर नई चर्चा छिडी है. स्वयं देशमुख ने कहा कि उनके विरुद्ध इस तरह की जांच जानबूझकर करायी जा रही है. सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं. वहीं विपक्ष के नेता कह रहे है कि देशमुख के समान महाविकास आघाडी सरकार में भी मंत्री भी है, जिनके भ्रष्टाचार का भेद जल्द ही खुलेगा. चर्चाओं के बीच यह पहले से ही तय माना जा रहा था कि देशमुख के खिलाफ ईडी की जांच की जा सकती है. 10 अप्रैल 2021 को देशमुख के नागपुर स्थित आवास पर सीबीआई ने छापामारी की थी. देशमुख के खिलाफ सीबीआई के बाद ईडी जांच हो सकती है. अब इस मामले को लेकर जांच एजेंसियां अपना कार्य कर रही है. देशमुख पर लगे आरोपों की सत्यता जानने के लिए सबकी उत्सुकता है.
गडकरी को भाजपा का अध्यक्ष पद छोडना पडा : बहरहाल यह भी जान ले कि नागपुर व विदर्भ क्षेत्र के कई बडे नेता समय-समय पर आर्थिक गडबडियों के आरोपों के साथ चर्चा में रहे है. भाजपा के अध्यक्ष पद पर रहे नितिन गडकरी राष्ट्रीय राजनीति में चर्चा में थे. उन्हें प्रतीक्षारत प्रधानमंत्री तक कहा जाने लगा था. लेकिन 2014 का लोकसभा चुनाव आने से पहले ऐसा दौर चला कि गडकरी को भाजपा का अध्यक्ष पद छोडना पडा. गडकरी को दोबारा अध्यक्ष बनने के लिए भाजपा ने अपने संगठनात्मक संविधान में बदलाव भी किया था. लेकिन आरोपों के चलते भाजपा गडकरी को दोबारा अध्यक्ष नहीं बना पायी. गडकरी को लेकर आयकर विभाग आक्रमक स्थिति में दिख रहा था. कंपनी फर्जीवाडे के आरोप का वह मामला अब कहीं भी चर्चा में नहीं है.
प्रफुल्ल पटेल से ईडी की पूछताछ
जून 2019 में पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल से ईडी की पूछताछ का मामला चर्चा में था. विमानन मंत्री रहे पटेल पर आरोप लगे की विमानन लबिसट दीपक तलवार के साथ मिलकर उन्होंने विदेशी एयरलाइन का एयर स्लाट व रुट मनमानी तरीके से तय किया. वह मामला पूछताछ तक ही चर्चा में रहा. राज्य के पशु संवर्धन मंत्री सुनील केदार पर जिला सरकारी बैंक के भ्रष्टाचार के आरोप लगे है. मामला न्यायालय में है वह मामला अस्सर चर्चा में आते रहता है.
आदर्श सोसायटी घोटाला में संचेती पर आरोप : राज्यसभा के पूर्व सदस्य अजय संचेती को लेकर भी यही स्थिति है. आदर्श सोसायटी घोटाला में संचेती पर आरोप लगे कि उन्हें अपने वाहन चालक व अन्य करीबी लोगों को सोसायटी सदस्य बनवाकर अवैध लाभ पाया. सिंचाई घोटाले में भी उनका नाम चर्चा में आया. आरोप था कि संचेती ने ऐसी कंपनी के नाम पर सिंचाई कार्य के 1350 करोड के ठेके लिए जिसका अस्तित्व ही नहीं है. नागपुर से लोकसभा चुनाव लड चुकी अंजलि दामानिया ने इन आरोपों को प्रमुखता के साथ उठाता था. हांलाकि संचेती सारे आरोपो को निराधार बताते रहे.
रणजीत देशमुख की जांच
आशीष देशमुख ने भाजपा विधायक रहते हुए तत्कालीन सरकार के विरोध में बगावत की थी. उन्होंने काटोल में सरकार के विरोध में धरना शुरु किया था. उस दौरान आशीष के पिता कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रणजीत देशमुख की जांच करने ईडी पहुंच गई थी. एक दो दिन में ही ईडी जांच का वह मामला चर्चा से दूर हो गया.