अनिल देशमुख को दूसरी बार छोडना पडा मंत्री पद
मुंबई के आतंकी हमले के बाद फेरबदल में नहीं मिली थी संधी

नागपुर/प्रतिनिधि दि.६ – पहले युती के समय से यानी 1995 वर्ष से 2014 से 2019 यह अपवाद छोडा तो मंत्री पद विभूषित करने वाले अनिल देशमुख को अब गृहमंत्री पद के इस्तिफे के चलते दूसरी बार पद छोडना पडा.
100 करोड रुपए वसूली के टारगेट के आरोप पर एड.जयश्री पाटिल व्दारा की गई याचिका पर हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिये. इसके बाद अनिल देशमुख ने तत्काल मंत्री पद का इस्तिफा मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे के पास भेजा. जांच के आदेश जारी होते ही देशमुख के समर्थकों को धक्का लगा तथा विरोधियों के खेमे में खुशी की लहर थी. अनिल देशमुख जिला परिषद के अध्यक्ष रहते समय कांग्रेस सरकार ने अध्यक्षों को राज्यमंत्री पद का दर्जा दिया. इसके बाद 1995 में काटोल से अपक्ष उम्मीदवार के रुप में चुनकर आने के बाद वे मनोहर जोशी की मुख्यमंत्री पद के दौरान पहली बार राज्यमंत्री हुए. 1999 में राष्ट्रवादी में प्रवेश करने के बाद लगातार 2008 तक कैबिनेट मंत्री के रुप में विविध विभागों की जिम्मेदारी उन्होेंने संभाली. मुंबई पर आतंकी हमले के बाद हुए फेरबदल में उन्हें संधी नहीं मिली.उनकी बजाय हिंगणा निर्वाचन क्षेत्र के तत्कालीन विधायक रमेश बंग को खाद्यान्न व नागरी आपूर्ति मंत्री पद पर संधी दी गई. तकरीबन 11 महिने के ब्रेक के बाद 2014 वर्ष तक वे मंत्री थे. विधानसभा के 2014 में हुए चुनाव में भाजपा के आशिष देशमुख ने अनिल देशमुख को पराजित किया. पिछले चुनाव में वे फिर विजयी होने के बाद महाविकास आघाडी सरकार ने उनका मंत्री पद निश्चित माना जा रहा था. उन्हें गृह विभाग की जिम्मेदारी मिलने से नागपुर को लगातार दूसरी बार संधी मिली. मंत्री पद के लंबे समय में विविध विभागों की जिम्मेदारी संभालते हुए अनिल देशमुख के कामों की काफी चर्चा गुंंज उठी थी. नागरी आपूर्ति मंत्री, अन्न व औषधि प्रशासन मंत्री रहते समय उनके व्दारा डाले गए छापे चर्चा का विषय बने थे. गुटखा पाबंदी चर्चा का विषय रही थी. कोरोना प्रादुर्भाव के दौरान लॉकडाउन रहते समय उन्होंने राज्य का चार बार दौरा कर स्थिति का अंदाजा लिया. दिवाली के समय में उनका गडचिरोली दौरा ध्यानाकर्षण रहा. उनके इस्तिफे के बाद पार्टी के स्थानीय नेताओं ने सावध भूमिका ली है.
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विदर्भ को दूसरा झटका
महिनेभर में विदर्भ से दूसरे मंत्री को इस्तिफा देने की नामुष्की आयी है. इससे पहले पूजा चव्हाण आत्महत्या मामले में तत्कालीन वनमंत्री संजय राठोड पर काफी आरोप हुए. विपक्ष ने घेरने के बाद उन्होंने आखिर इस्तिफा दिया. अब अनिल देशमुख ने इस्तिफा देने के बाद विदर्भ में कांग्रेस के चार व राष्ट्रवादी का एक इस तरह पांच मंत्री है.