विदर्भ

दूसरे स्मृतिदिवस पर मिला ‘अंकिता’ को न्याय

10 फरवरी 2020 को ही नागपुर में तोडा था दम

  • एक सप्ताह तक जिंदगी और मौत के बीच झुली थी अंकिता

वर्धा/दि.11 – पूरे राज्य में सनसनी मचा देनेवाले हिंगणघाट के अंकिता हत्याकांड का फैसला अंतत: गत रोज वर्धा के हिंगणघाट स्थित अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायालय द्वारा सुनाया गया. करीब 150 पन्नों के अपने फैसले में न्या. आर. बी. भागवत ने विकेश उर्फ विक्की नगराले को आजीवन कारावास तथा पांच हजार रूपये के जुर्माने की सजा सुनायी. साथ ही जुर्माना अदा नहीं करने पर तीन माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, मृतक प्राध्यापिका अंकिता अरूण पिसुड्डे को उसके दूसरे पुण्यतिथी दिवस पर ही अदालत से इस फैसले के जरिये न्याय मिला है.
बता दें कि, हिंगणघाट के नंदुरी चौक में 3 फरवरी 2020 की सुबह अंकिता पिसुड्डे हमेशा की तरह बस से उतरकर अपने कॉलेज की ओर जा रही थी, तभी आरोपी विकेश नगराले ने उसके शरीर पर पेट्रोल छिडकते हुए उसे आग के हवाले कर दिया. पश्चात गंभीर रूप से झुलसी अंकिता को नागपुर के एक अस्पताल में इलाज हेतु भरती कराया गया. जहां पर 10 फरवरी 2020 को अंकिता की मौत हो गई. हमेशा ही भीडभाड से भरे रहनेवाले चौराहे पर एक युवती को जिंदा जला दिये जाने की इस घटना की वजह से पूरे राज्य में रोष व संताप की लहर फैलने के साथ ही हडकंप भी मच गया था और इसे लेकर तीव्र प्रतिक्रिया देखी गई.

विक्की ने की दया की अपील, कठोर हृदय से सुना अदालत का फैसला

अंकिता हत्याकांड के आरोपी विक्की नगराले को गत रोज अदालत में लाया गया था. जहां पर उसने अदालत से खुद के प्रति नरमी दिखाये जाने की अपील करते हुए कहा कि, उसके घर में वृध्द माता-पिता के साथ ही पत्नी व छोटी बच्ची है. साथ ही जब उसे गिरफ्तार किया गया था, तब उसकी बच्ची मात्र सात दिन की थी. अत: उसे कम से कम सजा दी जाये. इसके बाद जब अदालत ने अपने फैसले को पढना शुरू किया, तो विकेश नगराले अपने दिल को मजबूती से थामे बैठा था. वही पूरा फैसला सुनने के बाद उसकी स्थिति बेहद सामान्य थी. फैसले के बाद दस्तावेजी कार्रवाई पूर्ण करते हुए शाम 5 बजे विकेश को कडे पुलिस बंदोबस्त के बीच अदालत से जेल रवाना कर दिया गया.

दारोडा गांव में पुलिस का पहरा

बता दें कि, पीडिता अंकिता पिसुड्डे व आरोपी विकेश नगराले दोनों ही वर्धा जिले की हिंगणघाट तहसील अंतर्गत दारोडा गांव के ही निवासी है. ऐसे में इस फैसले के बाद गांव में किसी तरह की कोई अनुचित घटना न घटित हो, इस बात के मद्देनजर वहां पर पुलिस बंदोबस्त लगाया गया था.

फैसले का अध्ययन कर अगला कदम

अंकिता हत्याकांड मामले में गत रोज हिंगणघाट की अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया है. फैसले की प्रतिलिपी मिलने के बाद आगे क्या करना है, इसके संदर्भ में निर्णय लिया जायेगा. इस आशय की प्रतिक्रिया देते हुए विशेष सरकारी वकील एउ. उज्वल निकम ने बेहद कम समय के भीतर मामले को लेकर गवाह व सबूत इकठ्ठा करने हेतु वर्धा के जिला पुलिस अधीक्षक प्रशांत होलकर व उनकी टीम का अभिनंदन किया.

हाईकोर्ट में करेंगे अपील

उधर दूसरी ओर आरोपी विक्की नगराले के वकील एड. भूपेंद्र सोने द्वारा कहा गया कि, वे फैसले की प्रतिलीपी मिलने के बाद उसका अध्ययन करते हुए इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जरूर जायेंगे. साथ ही उन्होंने यह दावा भी किया कि, विकेश नगराले पूरी तरह से बेकसूर है तथा उसे इस मामले में बेवजह फंसाया गया है. जबकि अंकिता को जलानेवाला शख्स अब भी खुलेआम घुम रहा है.

फैसले पर संतोष, लेकिन फांसी होनी चाहिए थी

वहीं अंकिता के पिता अरूण पिसुड्डे सहित उसके परिजनों ने कहा कि, कल अंकिता की दूसरी पुण्यतिथी थी. ऐसे में घर पर पूजा-अर्चना करने व अंकिता को श्रध्दांजलि देने के बाद वे न्यायालय पहुंचे. उन्हेें पूरी उम्मीद थी कि, अदालत द्वारा आरोपी को फांसी की सजा सुनाई जायेगी. किंतु अदालत ने उसे उम्र कैद सुनाई है. इसका भी उन्हें समाधान है. लेकिन अब आगे क्या करना है, इस बारे में परिवार के सभी लोग साथ बैठकर निर्णय करेंगे.

इस वजह से नहीं सुनाई गई फांसी

आरोपी विक्की नगराले के लिए सजा मुकर्रर करते समय अदालत ने कहा कि, यह ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ वाला मामला नहीं है. साथ ही आरोपी की उम्र, उसके वृध्द माता-पिता, पत्नी तथा छोटी बेटी इन सभी बातोें का विचार करते हुए उसे फांसी की सजा देना ठीक नहीं होगा. ऐसे में अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसमें भी गिरफ्तार होने के बाद से लेकर अब तक जीतने दिन आरोपी जेल में रहा, उस अवधि को सजा की अवधि में से घटाया नहीं जायेगा. ऐसा भी अदालत द्वारा अपने फैसले में स्पष्ट किया गया है. इस तरह का फैसला किसी भी मामले में पहली बार सुनाया गया है.

विक्की मिलना चाहता था एड. निकम से

सजा सुनाये जाने के बाद जब पुलिस विक्की नगराले को जेल ले जाने हेतु अपने वाहन की ओर लेकर जा रही थी, तब विक्की नगराले ने एक पुलिस अधिकारी से करीब दो-तीन बार कहा कि, उसे निकम साहब से मिलना है तथा उसे निकम साहब से मिलने दिया जाये. इस समय जब पुलिसवालों ने उससे जानना चाहा कि, वह एड. निकम से क्यों मिलना चाहता है, तो विक्की नगराले ने जवाब दिया ‘बस ऐसे ही और यूं ही.’ जिसके बाद पुलिसवाले विक्की नगराले को वाहन में बिठाकर अदालत से जेल के लिए रवाना हो गये.

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