अंकिता के हत्यारे विक्की नगराले को उम्रकैद
अंकिता की दूसरी पुण्यतिथी पर आया अदालत का फैसला
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* कोर्ट ने कल ही विक्की नगराले को दिया था दोषी करार
* हिंगणघाट की घटना ने पूरे राज्य में मचाया था हडकंप
वर्धा/दि.10– समूचे राज्य में हडकंप मचा देनेवाले हिंगणघाट के अंकिता हत्याकांड के मामले की सुनवाई पूरी करने के साथ ही गत रोज हिंगणघाट की अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायालय ने महिला प्राध्यापिका अंकिता पिसुड्डे की हत्या में नामजद व गिरफ्तार किये गये विक्की उर्फ विकेश नगराले को दोषी करार दिया था. वही आज अदालत ने सजा को लेकर अपना फैसला सुनाते हुए मुजरिम विकेश नगराले को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. जिसके चलते विकेश नगराले को अब अपनी पूरी जिंदगी जेल की सलाखों के भीतर काटनी पडेगी. ज्ञात रहे कि, दो वर्ष पूर्व 3 फरवरी को अंकिता को आरोपी विकेश नगराले ने पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया था. पश्चात एक सप्ताह तक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झुलने के बाद 10 फरवरी को अंकिता की इलाज के दौरान मौत हुई थी. इससे ठीक दो वर्ष बाद 10 फरवरी से ठीक एक दिन पहले 9 फरवरी को इस मामले में अदालत द्वारा अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी विक्की नगराले को दोषी करार दिया गया और आज अंकिता की दूसरी पुण्यतिथीवाले दिन ही आरोपी विकेश नगराले को उसके अपराध के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई गई. यह अपने आप में एक अजब संयोग रहा.
बता दें कि, वर्धा जिले की हिंगणघाट तहसील अंतर्गत दारोडा गांव निवासी अंकिता पिसुड्डे प्राध्यापिका के तौर पर हिंगणघाट के स्व. आशा कुणावार महिला महाविद्यालय में वनस्पती शास्त्र विषय पढाया करती थी और 3 फरवरी की सुबह हमेशा की तरह दारोडा गांव से बस में सवार होकर हिंगणघाट पहुंची थी. जिस समय वह नंदुरी चौक से अपने कॉलेज की ओर जा रही थी, तभी पहले से घात लगाये बैठे विकेश नगराले ने अंकिता पर पेट्रोल डालकर उसे जला दिया. इसमें गंभीर रूप से जली अंकिता पर नागपुर के अस्पताल में इलाज शुरू किया गया. किंतु एक सप्ताह बाद 10 फरवरी को अंकिता की मौत हो गई. इस घटना को लेकर पूरे राज्य में जबर्दस्त रोष व संताप की लहर फैल गई थी तथा आरोपी को कडी से कडी सजा दिये जाने की मांग जोर पकड रही थी. इस मामले में महिला जांच अधिकारी के तौर पर उपविभागीय पुलिस अधिकारी तृप्ती जाधव ने महज 19 दिनों के भीतर अपनी जांच पूरी करते हुए चार्जशीट पेश कर दी और 28 फरवरी को आरोपी विक्की उर्फ विकेश नगराले के खिलाफ करीब 426 पन्नों की चार्जशीट हिंगणघाट के प्रथम श्रेणी न्यायालय में दाखिल की गई. इस समय तक आरोपी विक्की नगराले को पुलिस द्वारा अपनी हिरासत में लिया जा चुका था. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पीडित पक्ष की ओर से पैरवी करने हेतु अभियोजन पक्ष द्वारा विशेष सरकारी अभियोक्ता के तौर पर एड. उज्वल निकम की नियुक्ति की गई थी और इस मामले की पहली सुनवाई 4 मार्च 2020 को हिंगणघाट के अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायालय में हुई थी. तब से लेकर अब तक इस मामले में 64 सुनवाई हो चुकी है. जिसमें से 34 तारीखों पर खुद एड. उज्वल निकम उपस्थित हुए. वहीं प्रत्येक सुनवाई में एड. दीपक वैद्य ने अभियोजन पक्ष की ओर से युक्तिवाद किया. इस मामले में पुलिस के पास कुल 77 गवाह थे. जिनमें से 29 गवाहों की गवाही दर्ज की गई.
मुकदमे के दौरान दोनों पक्षों का युक्तिवाद सुनने के बाद अदालत ने अब इस मामले की सुनवाई पूरी करने के साथ कल ही आरोपी विक्की नगराले को हत्या के अपराध के लिए दोषी करार दिया गया और आज उसकी सजा पर फैसला सुनाते हुए उसे आजीवन कारावास में रखने का आदेश दिया