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12 जुलाई को होगी सुनवाई
नागपुर/प्रतिनिधि दि.९ – विदर्भ, मराठवाडा व शेष महाराष्ट्र हेतु विकास मंडल स्थापित करने के लिए राष्ट्रपति द्वारा राज्यपाल को दिये गये आदेश की समयावृध्दि बढाई जाये. इस मांग के लिए स्वतंत्र विदर्भ राज्य के समर्थक नितीन रोंघे तथा विदर्भ विकास मंडल के पूर्व विशेषज्ञ सदस्य डॉ. कपिल चंद्रायन ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में आवेदन दायर किया है. जिस पर आगामी 12 जुलाई को न्या. सुनील शुक्रे व न्या. अनिल किलोर की द्वि सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष सुनवाई होगी.
विदर्भ विकास मंडल को समयावृध्दि मिलने हेतु दायर की गई जनहित याचिका में राष्ट्रपति के आदेश की समयावधि बढाये जाने को लेकर निवेदन नहीं किया गया था. ऐसे में यह आवेदन दाखिल करते हुए याचिका में संशोधन करने की अनुमति मांगी गई है. केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रपति से विकास मंडल के संदर्भ में जारी आदेश का समय बढाने का निवेदन किया गया. इस हेतु आवश्यक निर्देश अदालत की ओर से जारी किये जाये. ऐसी प्रार्थना संशोधन के बाद याचिका में शामिल की जायेगी.
बता दें कि, राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 371 (2) के अनुसार विकास मंडल स्थापित करने हेतु राज्यपाल को सर्वप्रथम वर्ष 1994 में विशेषाधिकार दिया गया था. जिसे लेकर राष्ट्रपति द्वारा 9 मार्च 1994 को आदेश जारी किया गया था. इस आदेश की वैधता पांच वर्ष की थी. पश्चात इस आदेश की अवधि को नियमित तौर पर बढाया गया. जिसे लेकर अंतिम अधिसूचना 30 अप्रैल 2015 को जारी करते हुए इस आदेश की अवधि को 30 अप्रैल 2020 तक बढाया गया था. किंतु इसके बाद इस आदेश की अवधि को आगे नहीं बढाया गया. ऐसे में इस आदेश का प्रभाव 1 मई 2020 से खत्म हो गया. जिसके परिणाम स्वरूप विदर्भ विकास मंडल का अस्तित्व भी खत्म हो गया. किंतु विदर्भ क्षेत्र की प्रगति हेतु विकास मंडल का अस्तित्व बचा रहना आवश्यक है. ऐसे में पहले की तरह आगे भी राष्ट्रपति के आदेश की वैधानिकता को समयावृध्दि दी जाये, ऐसा याचिकाकर्ताओं का कहना है.