विदर्भ

बाजार में आवक कम होते ही गेहूं और ज्वार में आई तेजि

बेमौसम बारिश के कारण चना समेत गेहूं की फसल पर असर

अकोला/दि.28– बीते सप्ताह में बेमौसम बारिश के कारण चना समेत गेहूं की फसल पर भी असर हुआ. इस कारण गेहूं की पैदावार घट गई है. फलस्वरुप बाजार में गेहूं की आवक भी कम हो रही है. इसी कारण बीते तीन-चार दिनों से अच्छे स्तर के गेहूं के दाम 2280 रुपए क्विंटल तक पहुंच गए है. साथ ही ग्रीषमकालीन ज्वार अब तक बाजार नहीं पहुंची है. बीते 15 दिनों में ज्वार के दाम भी 100 रुपए बढे है. मौसम विभाग ने कुछ दिनों पहले बेमौसम बारिश का अंदाज था. राज्य में कई क्षेत्रों में ओलावृष्टी समेत बेमौसम बारिश हुई. इसी कारण बाजार में दाखिल हो रहे गेहूं तथा ज्वार के दाम में वृद्धि हुई है. जिले के कुछ क्षेत्रों में बेमौसम बारिश का असद हुआ है. फसलों का भी नुकसान होने की जानकारी है. नया गेहूं तथा ज्वार के दामों का ग्राफ कम-ज्यादा हो रहा है. अकोला जिले की कृषि उपज मंडी में शुक्रवार को गेहूं की दाम 2280 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए है. इसके अलावा ज्वार के दाम भी बढे है. अच्छे गेहूं की मांग बढ गई है. रबी के मौसम की फसलों को खेतों से निकालने के बाद आर्थिक जरुरतों को पूरा करने तथा भंडारण का प्रबंध नहीं होने के कारण अधिकतर किसान अनाज बिक्री के लिए बाजार में लाते है. मांग तथा आवक दोनों समान होने से किफायती दाम में अनाज खरीदना श्रमिकों, मेहनतकश, नौकरीपेशा लोगो के लिए संभव होता है. इसी कारण नागरिकों व्दारा मार्च अप्रैल में अनाज खरीदा जाता है.

* अच्छे गेहूं को पर्याप्त दाम
जिले में बेमौसम बारिश के कारण रबी मौसम के गेहूं, ज्वार आदि फसलों का काफी नुकसान हुआ है. सबसे अधिक असर गेहूं की फसल पर हुआ है. देर से बुआई करने की फसल खेतों में लहलहा रही थी, लेकिन बेमौसम बारिश ने सारा गणित बिगाड दिया. इस फसल को निकालने के पूर्व ही वह खराब हो गई है. इस कारण बाजार में दाम भी कम मिल रहे है. अच्छे गेहूं को पर्याप्त दाम मिल रहे है.

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