विदर्भ

सहायक समाज कल्याण आयुक्त माया केदार को अवमान नोटीस

न्याय प्रक्रिया में हस्तक्षेप करना पड़ा भारी

नागपुर/दि.8– न्यायदान प्रक्रिया में हस्तक्षेप करना अमरावती की सहायक समाज कल्याण आयुक्त माया केदार को काफी महंगा पड़ा. इसके लिए मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने केदार को अवमान नोटीस दी है व आगामी 11 जुलाई की सुबह 10.30 बजे न्यायालय में प्रत्यक्ष उपस्थित रहकर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का आदेश दिया.
अमरावती जिले के मोझरी की प्रियदर्शनी बहुद्देशीय संस्था ने ज्येष्ठ शिक्षक आशीष तिवारी की नियुक्ति मुख्याध्यापक पद पर की थी. समाज कल्याण विभाग ने इस नियुक्ति को पहले मंजूरी दी थी. पश्चात विभाग के प्रादेशिक उपायुक्त ने मंजूरी आदेश को स्थगिती दी. लेकिन यह कार्रवाई करते समय तिवारी को सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया. परिणामस्वरुप संस्था व तिवारी ने विवादग्रस्त कार्रवाई के विरुद्ध उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की. जिसके चलते सहायक समाज कल्याण आयुक्त माया केदार ने 3 जुलाई 2023 को संस्था को कारण बताओ नोटीस देकर उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करने में आक्षेप लिया व संस्था पर प्रशासक की नियुक्ति करने की धमकी दी.
इस प्रकरण में उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करना बड़ा गैरव्यवहार है. उच्च न्यायालय में याचिका दाखल करना कानूनन मार्ग नहीं. यह याचिका उच्च न्यायालय में सुनाई नहीं जा सकती. संस्था ने राज्य सरकार को अपील दाखल करनी चाहिए थी. ऐसी न्यायदान प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने वाली भाषा भी केदार ने इस्तेमाल की. याचिकाकर्ता ने 6 जुलाई को उच्च न्यायालय में प्रतीज्ञापत्र प्रस्तुत कर केदार की इस कृति की ओर ध्यानाकर्षित किया. उच्च न्यायालय ने इस बात को गंभीरता से लेते हुए केदार पर अवमान कार्रवाई की शुरुआत की.

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