नागपुर प्रतिनिधि/दि.25 – राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ ने आखिरकार बीएड की 2019-20 साल की प्रथम सत्र ऑफलाइन परीक्षा फिर से एक बार पोस्टपोन कर दी. कोरोना के बढते संक्रमण को लेकर प्रशासन द्बारा यह निर्णय लिया गया है. विशेत: कोरोना की वजह से दूसरी बार विद्यापीठ को परीक्षा पोस्टपोन करनी पडी.
2019-20 में बीएड की प्रवेश प्रक्रिया को विलंब होने की वजह से शीतकालीन 2019 की प्रथम सत्र परीक्षा 16 मार्च को शुरु हुई थी. किंतु पहला पेपर होते ही लॉकडाउन कर दिया गया था. जिसकी वजह से परीक्षा रद्द कर दी गई थी. परीक्षा शीतकालीन 2019 की रहने की वजह से विद्यापीठ के साथ प्रतिबंधक कानून अनुसार विद्यार्थियों को आगे की कक्षा में सीधा प्रवेश दिया जाना असंभव है. उनके प्रथम सत्र के परिणाम घोषित कर उसके आधार पर द्बितीय सत्र के विद्यार्थियों को तीसरें सत्र में प्रमोट किया जाएगा.
जिसकी वजह से 9 से 11 नवंबर दरमियान परीक्षा का आयोजन किया गया था. कोरोना महामारी की वजह से परिस्थिती नियंत्रण में आने के पश्चात ही परीक्षा लें ऐसी मांग विद्यार्थियों द्बारा की गई. जिमसें विद्यापीठ ने भी परीक्षा आगे के लिए पोस्टपोन कर दी थी. स्थिती सुधरने के पश्चात विद्यापीठ ने फरवरी महीने के शुरुआत में सुधारित समय सारणी जारी की व 22 फरवरी से परीक्षा की शुुरुआत की. शुरुआत करते ही कोरोना प्रादुर्भाव बढने लगा और संक्रमितो की संख्या बढती चली गई. जिसकी वजह से विद्यापीठ ने 24 व 26 फरवरी को आयोजित की जाने वाली परीक्षा निर्देश आने तक पोस्टपोन कर दी. परीक्षा व मूल्यमापन संचालक डॉ. प्रफुल्ल साबले ने इस संदर्भ में अधिसूचना भी जारी की.
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मनपा ने विद्यापीठ प्रशासन को सूचित किया था
बुधवार को दोपहर 2 बजे बीएड विद्यार्थियों का एजूकेशन टेक्नॉलाजी एंड कम्प्यूटर असिस्टेंड इन्ट्रक्शंस का पेपर था. मनपा प्रशासन ने विद्यापीठ प्रशासन को फोन पर सूचीत करते हुए कहा कि, परीक्षा लिए जाने पर नियमों का भंग होगा. मनपा द्बारा दी गई सूचना पर विद्यापीठ ने तत्काल परीक्षा पोस्टपोन करने के निर्देश जारी किए थे ऐसी जानकारी कुलगुरु डॉ. सुभाष चौधरी ने दी.
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पेपर स्थगित होने पर विद्यार्थियों ने किया निदर्शन
बुधवार को ऐन वक्त पर पेपर स्थगित कर दिए जाने पर परीक्षा केंद्र पर पहुंचे संतप्त विद्यार्थियों ने निदर्शन किया, और कहा कि अन्य विद्यार्थियों की तरह हमारी भी परिक्षाएं ऑनलाइन ली जाए. कोरोना के बढते संक्रमण के बावजूद भी परीक्षा केंद्र पर 15 से अधिक विद्यार्थी इकट्ठे हुए यह आर्श्चय की बात है उन्हें किसी ने भी वहां से जाने के लिए नहीं कहा.