विदर्भ

बैंक घोटालों की बाढ आ गई है, प्रखर प्रहरी की भूमिका निभाए आरबीआई

किसान कर्ज घोटाले के आरोपी यूको बैंक पर खंडपीठ ने कानूनी कार्रवाई करने को कहा

नागपुर/दि.11 – देश में बढते बैंक घोटालों पर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने चिंता जाहीर की है. न्या. सुनील शुक्रे व अविनाश घारोटे की खंडपीठ ने कहा है कि देश में लगातार बैंक घोटाले बढ रहे हैं. ऐसी स्थिति में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) को एक प्रखर प्रहरी की भूमिका निभानी चाहिए. ऐसी स्थिति में आरबीआई की यह दलील कि उनके पास बैंक घोटालों की जांच के लिए यंत्रणा नहीं है या फिर बैंकिंग रेग्युलेशन अधिनियम 1949 और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अधिनियम 1934 में प्रावधान नहीं है, पूरी तरह गलत होगी.
इन अधिनियमों का बारीकी से विश्लेषण करने पर पता चलेगा कि आरबीआई को अपने अधीनस्थ बैंकों पर नियंत्रण के असीम अधिकार हैं. आरबीआई ही बैंकों को संचालन के लिए बैंकिंग लाइसेंस जारी करता है. हाईकोर्ट ने आरबीआई को नागपुर के यूको बैंक के अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का फैसला लेने को कहा है.

हाईकोर्ट आरबीआई के जवाब से असंतुष्ट

किसान कर्ज योजना में यूको बैंक द्वारा किए गए 25 करोड के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर केंद्रित सू-मोटो जनहित याचिका पर बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में सुनवाई हुई. इस याचिका में प्रार्थना है कि बैंकोें द्वारा की जानेवाली धोखाधडी पर आरबीआई स्वयं शिकायत दर्ज कराए. साथ ही आरबीआई ऐसे घोटाले रोकने के लिए दिशा-निर्देश लागू करके उनका सख्ती से पालन हो यह भी सुनिश्चित करे. इस पर आरबीआई ने सफाई दी कि बैंकिंग रेगुलेशन अधिनियम 1949 और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अधिनियम 1934 में आरबीआई बैंको घोटालों पर जांच बैठा सके ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. हां, जो घोटाले आरबीआई को रिपोर्ट किए जाते हैं आरबीआई संबंधित बैंक प्रबंधन से लगातार रिपोर्ट लेता रहता है कि जांच किस प्रकार आगे बढ रही है. दोषियों को सजा मिलेे, नुकसान भरपाई हो. लेकिन हाईकोर्ट ने आरबीआई के इस उत्तर से असंतुष्टित जाहीर की.

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