नागपुर/दि.29 – देश के सामने आज गरिबी, भूखमरी और बेरोजगारी एक बडा आहवान है जिसे दूर करने के लिए रोजगार निर्मिती के सिवाय दूसरा कोई पर्याय नहीं है. बैंकों ने सभी नए उद्योग शुरु करने वाले युवकों को आर्थिक सहायता करनी चाहिए ऐसा प्रतिपादन केंद्रीयमंत्री नितिन गडकरी ने व्यक्त किया.
वे जागतीक एमएसएमई दिन के उपलक्ष्य में इंडियन बैंक के एमएसएमई उपक्रम के उद्घाटन के अवसर पर ऑनलाइन बोल रहे थे. इस अवसर पर बैंक की प्रबंध संचालिका पद्मजा सुधाकरराव के. रामचंद्रन आदि उपस्थित थे. इस समय केंद्रीयमंत्री गडकरी ने ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि, भारत सरकार व्दारा अनेक योजनाएं तैयार की गई है. किंतु इसे अमल में लाते समय इसमें गति होना आवश्यक है और पारदर्शिता भी आवश्यक है. देश का कृषि ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्र पिछडा है. इस क्षेत्र को भी विकास में प्राथमिकता देना आवश्यक है. केंद्रीयमंत्री गडकरी ने जैविक ईधन निर्मिती पर भी जोर दिया.
केंद्रीयमंत्री गडकरी ने कहा कि, गन्ना, चावल, मक्का से भी इथेनॉल निर्मिती को शासन व्दारा मान्यता दी गई है. आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना से अधिक रोजगार निर्मिती, जैविक ईधन निर्मिती और आयात का पर्याय निर्माण करने का इसमें समावेश है. इस ओर भी केंद्रीयमंत्री गडकरी ने लक्ष्य साधा. भारतीय एमएसएमई अर्थव्यवस्था में प्रगती का इंजन है इस विषय पर बोलते हुए गडकरी ने कहा कि एमएसएमई फिलहाल भारतीय अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है. देश की आर्थिक, सामाजिक परिर्वतन में इसका बडा सहभाग है.
एमएसएमई का सकल उत्पादन 30 फीसदी है तथा 48 फीसदी निर्यात है और अब तक एमएसएमई ने 11 करोड रोजगार निर्मिती की है. कृषि ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के विकास को एमएसएमई ने प्राधान्यता दी है. कृषि माल पर आधारित उद्योग ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्र में काम शुरु किए गए है. इससे अर्थव्यवस्था को मजबूत होने में भी सहायता मिलेगी ऐसा नितिन गडकरी ने कहा.