कोरोना की तीसरी लहर के लिए तैयार रहें
उच्च न्यायालय का राज्य सरकार व प्रशासकीय अधिकारियों को आदेश

नागपुर/प्रतिनिधि दि.१४ – हालिया दौर में जीवनरक्षक दवाईयों और ऑक्सीजन आपूर्ति बढ़ गयी है और दूसरी ओर कोरोना मरीजों की संख्या भी कम होने लगी है. जिससे हालातों में सुधार हो रहा है. बावजूद इसके शांत नहीं बैठते हुए कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने बुधवार को राज्य सरकार व प्रशासकीय अधिकारियों को दिए.
इस संबंध में उच्च न्यायालय में तीन याचिका प्रलंबित है. जिस पर न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे व अविनाश घरोटे के समक्ष सुनवायी हुई. इसी दरम्यिान न्यायालय ने कहा कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर को गंभीरता से लेना आवश्यक है. कोरोना की तीसरी लहर २ से १८ व १८ से ४५ वर्ष आयु समूह के लोगों को ज्यादा प्रभावित करने का अनुमान जताया गया है. यह लहर खतरनाक साबित ना हो इसके लिए नवजात शिशूओ व छोटे बच्चों के लिए विशेष वार्ड तैयार करने, जम्बो कोरोना अस्पताल बनाने, कस्तुरचंद पार्क, मानकापुर स्टेडियम, विविध स्कूल मैदान, मंगल कार्यालय सहित विदर्भ के प्रत्येक जिला, तहसील व ग्रामपंचायत स्तर पर सरकारी अस्पतालों में अतिरिक्त बेड का प्रावधान किया जाए. इसके लिए जिलाधिकारी ने विभागीय आयुक्त के मार्गदर्शन व स्थानीय प्रशासन के साथ चर्चा कर प्रभावी प्रारूप तैयार किया जाए. इसके अलावा राज्य सरकार ने नया एसओपी तैयार कर योजनाएं तैयार करते समय वाणिज्यिक ठिकाणों का कोरोना अस्पताल के रूप में उपयोग नहीं करने के निर्देश न्यायालय ने दिए. इस मामले पर अब १९ मई को अगली सुनवायी ली जाएगी.
प्लाज्मा उपयोगिता पर नीरी करें संशोधन
कोरोना मरीजों को प्लाज्मा कितना उपयोगी साबित होता है इस संबंध में विशेषज्ञों में मतभेद है. इसकी विविध रिपोर्ट भी उपलब्ध है. इसीलिए इस संबंध में नीरी ने संशोधनात्मक रिपोर्ट पेश करनी चाहिए.