बेलोरा-पलसवाडा पगडंडी रास्ता बना किसानों के लिए सिर दर्द
किसान व खेत मजदूरों को कर रहा मुसीबतों का सामना
वरुड/दि.2– किसानों को आने-जाने के लिए पक्के रास्ते देने हेतु शासन द्वारा एक ओर योजना चलायी जा रही है, लेकिन प्रत्यक्ष में किसान व खेत मजदूरों को परेशानी हो रही है. वरुड तहसील के बेलोरा-पलसवाडा पगडंडी रास्ता की अनेक दिनों से मांग मात्र अब तक पूरी नहीं की गई है. सिर्फ आश्वासन पर आश्वासन दिये जाते हैं.
बेलोरा से पलसवाडा सिर्फ तीन कि.मीं का पगडंडी रास्ता मंजूर होकर करीबन साढ़े चार वर्ष बीत गए. उसका मिट्टी काम करते समय अनेक दिक्कतें निर्माण हुई. उनका भी सामना करते हुए थातुरमातूर ही सही, सिर्फ एक किलोमीटर रास्ते का मिट्टीकाम करवाया गया. लेकिन जहां से आने जाने के लिए कसरत होती थी. उस रास्ते का काम किसानों ने जनचंदे से किया. ऐसे खर्च का बोझ यदि किसानों को उठाना पड़ रहा हो तो शासन द्वारा चलाई जाने वाली मलाईदार योजना किसके लिए हैं., ऐसा सुर अब लोकमानस में सुनाई दे रहा है.ऐसा करते समय अनेक बार लोकप्रतिनिधि को लिखित रुप से किसानों को होने वाली दिक्कतों से अवगत कराया गया. रास्ते की किसानों को काफी आवश्यकता है. खराब रास्ते के कारण खेतमाल दर्जेदार होकर भी मिट्टीमोल भाव से बेचना पड़ रहा है. सुलतानी व आसमानी संकट का सामना किसानों ने कैसे करना ऐसे अनेक प्रश्न अनुत्तरीत है. इन समस्याओं का सामना किस तरह किया जाए, इस पर यहां के किसानों द्वारा मंथन किए जाने का चित्र है.